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नए साल से उत्तराखंड में एंट्री पर लगेगा 'ग्रीन सेस', कार से बस तक जानें कितना देना होगा चार्ज? 

नए साल से उत्तराखंड में एंट्री पर लगेगा 'ग्रीन सेस', कार से बस तक जानें कितना देना होगा चार्ज? 

 

 Uttarakhand green cess: नए साल की शुरुआत में उत्तराखंड घूमने का प्लान बना रहे लोगों को झटका लग सकता है। "देवभूमि" में एंट्री अब पहले जितनी सस्ती नहीं रहेगी। 1 जनवरी से, दूसरे राज्यों से आने वाले वाहनों पर ग्रीन सेस लगाया जा रहा है, जिससे कार, बस और भारी वाहनों से यात्रा महंगी हो जाएगी। सरकार का दावा है कि यह कदम पर्यावरण की सुरक्षा और राज्य के रेवेन्यू को मजबूत करने के लिए ज़रूरी है, लेकिन इसका सीधा असर टूरिस्ट और ट्रांसपोर्ट बिज़नेस पर पड़ेगा।

उत्तराखंड सरकार ने साफ कर दिया है कि नए साल से राज्य में आने वाले दूसरे राज्यों के वाहनों को 80 रुपये से लेकर 700 रुपये तक का ग्रीन सेस देना होगा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में एक मीटिंग के दौरान ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट को इस सिस्टम को जल्दी लागू करने का निर्देश दिया। उन्होंने पिछले दो सालों में इस स्कीम को ठीक से लागू न करने पर अधिकारियों को फटकार भी लगाई।

सरकारी प्लान

सरकार ग्रीन सेस को पूरी तरह से FASTag के ज़रिए डिजिटल तरीके से इकट्ठा करने का प्लान बना रही है। इसके लिए राज्य की सीमाओं पर 16 जगहों पर ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रिकग्निशन (ANPR) कैमरे लगाए गए हैं। अगर किसी वाहन में FASTag नहीं है या बैलेंस कम है, तो वाहन मालिक को नोटिस भेजा जाएगा। तय समय में सेस का पेमेंट न करने पर जुर्माना लगाया जाएगा।

किस वाहन के लिए कितना ग्रीन सेस?

  • भारी वाहन: एक्सल की संख्या के आधार पर 450 रुपये से 700 रुपये
  • भारी कंस्ट्रक्शन इक्विपमेंट वाहन: 250 रुपये
  • 7.5 से 18.5 टन वज़न वाले वाहन: 250 रुपये
  • 3 से 7.5 टन वज़न वाले हल्के मालवाहक वाहन: 120 रुपये
  • तीन टन तक की डिलीवरी वैन: 80 रुपये
  • 12 से ज़्यादा सीटों वाली बसें: 140 रुपये
  • मोटर कैब, मैक्सी कैब और पैसेंजर कारें: 80 रुपये

यह फीस एक दिन के लिए वैलिड होगी। हालांकि, बार-बार यात्रा करने वालों को कुछ राहत दी गई है। फीस का 20 गुना पेमेंट करके तीन महीने की छूट और फीस का 60 गुना पेमेंट करके एक साल की छूट मिल सकती है।

किन्हें छूट मिलेगी?

दूसरे राज्यों के टू-व्हीलर, केंद्र और राज्य सरकारों के वाहन, ट्रैक्टर, ट्रेलर, रोड रोलर, कंबाइन हार्वेस्टर, एम्बुलेंस, शव वाहन, फायर टेंडर और सेना के वाहनों को ग्रीन सेस से छूट मिलेगी। इसके अलावा, इलेक्ट्रिक, सोलर, हाइब्रिड और CNG वाहनों को भी छूट दी गई है।


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