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Haryana Assembly: विंटर सेशन का दूसरा दिन, कांग्रेस के अविश्वास प्रस्ताव पर होगी चर्चा

Haryana Assembly: विंटर सेशन का दूसरा दिन, कांग्रेस के अविश्वास प्रस्ताव पर होगी चर्चा

 

Haryana assembly winter session: हरियाणा विधानसभा में कांग्रेस की ओर से नायब सैनी सरकार के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव के नोटिस को औपचारिक रूप से स्वीकार कर लिया गया है। विधानसभा स्पीकर हरविंदर कल्याण ने कांग्रेस के नोटिस को मंजूरी देते हुए इस प्रस्ताव को सदन की कार्यसूची में शामिल किया है। 

विपक्षी दल कांग्रेस ने वर्तमान सरकार की नीतियों और कार्यप्रणाली पर गंभीर आपत्तियां जताई हैं और उन्हें कारण बताते हुए अविश्वास प्रस्ताव रखा है। स्पीकर के द्वारा इस प्रस्ताव को स्वीकार कर लिए जाने के बाद एक बार फिर सत्तापक्ष और विपक्ष सदन में आमने-सामने होंगे।

विधानसभा में इस प्रस्ताव पर जोरदार बहस होगी, जिसमें दोनों पक्ष अपनी-अपनी दलीलें प्रस्तुत करेंगे। इसके बाद हुए मतदान के परिणाम से यह स्पष्ट हो जाएगा कि वर्तमान सरकार को विधानसभा का समर्थन प्राप्त है या नहीं। राज्य की राजनीति में यह एक महत्वपूर्ण मोड़ माना जा रहा है, क्योंकि अविश्वास प्रस्ताव सदन के प्रति सदस्यों के विश्वास की परीक्षा होता है।

खट्‌टर के खिलाफ 2 बार लाई कांग्रेस अविश्वास प्रस्ताव

बता दें, हरियाणा की सियासत में पहली बार अविश्वास प्रस्ताव नहीं लाया गया है बल्कि समय-समय पर विभिन्न सरकारों के खिलाफ विपक्षी दलों के द्वारा अविश्वास प्रस्ताव लाकर घेरा जाता रहा है। हालांकि, हरियाणा में अभी तक जिन भी सरकारों के विरुद्ध विपक्ष के द्वारा जितने भी अविश्वास प्रस्ताव लाए गए, वे सिरे नहीं चढ़े और विधानसभा के पटल पर औंधे मुंह गिर गए।

इससे पहले मनोहर लाल खट्टर सरकार में दो बार कांग्रेस की ओर से सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था। पहला 2021 और दूसरा 2024 में अविश्वास प्रस्ताव लेकर कांग्रेस आई थी, लेकिन दोनों बार प्रस्ताव गिर गया। वहीं सैनी सरकार में पहली बार विपक्ष की ओर से अविश्वास प्रस्ताव लाया जा रहा है।


अभी हरियाणा विधानसभा का क्या है गणित

BJP सदन में पूर्ण बहुमत से हरियाणा विधानसभा में कुछ 90 सीटें हैं। बीजेपी के पास 48 विधायक हैं, इसके अलावा बीजेपी को सदन में तीन निर्दलीयों ने भी समर्थन दिया हुआ है। जिसके बाद सरकार के पास 51 विधायकों का आंकड़ा दिख रहा है। इनमें से स्पीकर को घटा दें तब भी आंकड़ा 50 बनता है। परंपरा के मुताबिक स्पीकर उस स्थिति में वोट करते हैं यदि ड्रॉ यानी बराबरी की स्थिति आ जाए। सदन में विश्वास प्रस्ताव के लिए सरकार को सिर्फ 46 विधायकों का ही समर्थन चाहिए। ऐसे में बीजेपी पूरे बहुमत के साथ सदन में उतरेगी। मंत्री कृष्ण पंवार स्वास्थ्य कारण से पहले दिन सदन में नहीं आए। वह डॉक्टर्स की निगरानी में हैं।

कांग्रेस के पास 37 विधायक सदन में कांग्रेस भले ही सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लेकर आई है, लेकिन उसके पास इस प्रस्ताव को पास करने के लिए जरूरी बहुमत नहीं दिख रहा। अभी कांग्रेस के पास 37 विधायक हैं। विपक्ष में कांग्रेस ही सबसे बड़ी पार्टी है, इंडियन नेशनल लोकदल के पास दो विधायक हैं, लेकिन वह कांग्रेस के अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन करेगी या नहीं इसको लेकर पार्टी की ओर से पत्ते खोले नहीं गए हैं।

INLD वेट एंड वॉच की स्थिति में रहेगी 

विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान कांग्रेस के सरकार के खिलाफ लाए जा रहे अविश्वास प्रस्ताव को लेकर इंडियन नेशनल लोकदल (INLD) वेट एंड वॉच की स्थिति में रहेगी। पार्टी के मीडिया सलाहकार राकेश सिहाग ने बताया कि इनेलो हरियाणा की जनता के साथ है। कांग्रेस के प्रस्ताव में यदि जनहित के मुद्दे उठाए जाएंगे तो ही वह इसका समर्थन करेगी, लेकिन यदि कांग्रेस राजनीति करेगी तो पार्टी के विधायक प्रस्ताव का विरोध करेंगे।


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