शास्त्रों के अनुसार हनुमान जी को भगवान शिव का 11वां रूद्र अवतार माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि हनुमान जी का जन्म चैत्र शुक्ल पूर्णिमा पर हुआ। हनुमान जयंती से ठीक पांच दिन पहले राम नवमी भी मनाई जाती है। ये तो आप जानते ही है कि भगवान हनुमान राम जी के भक्त थे। इस दिन भगवान राम सीता और लक्ष्मण के साथ हनुमान जी की पूजा विशेष फलदायी है।
कहा जाता है कि इस दिन हनुमान जी मनवांधित फल देते हैं। हनुमान जयंती के दिन लोग मंदिर में जाकर उनकी पूजा-अर्चना करते है लेकिन कोरोना वायरस लॉकडाउन के कारण इस बार मंदिरों में हनुमान जयंती नहीं मनाई जाएगी ऐसे में आप घर पर बैठकर ही हनुमान जी की विशेष पूजा अर्चना कर सकते है। आपको बता दें कि इस बार हनुमान जयंती पर विशेष संयोग बन रहा है। बताया जा रहा है कि यह संयोग 400 साल बाद बना है।
जी हां, अगर ज्योतिषियों की मानें तो इस बार चैत्र पूर्णिमा पर हस्त नक्षत्र, बालव करण, व्यतिपात योग व आनंद योग, सिद्धयोग के साथ सर्वार्थ सिद्धि योग हैं। इन योगों के कारण इस बार हनुमान जयंती का महत्व और भी बढ़ गया है। इस दिन सबुह स्नान करके भगवान के सामने चौमुखी दिया जलाएं। कहा जाता है कि इससे हनुमान जी अति प्रसन्न होते हैं। इसके अलावा सुंदरकांड का पाठ करें। वही, ऐसे में हनुमान चालीसा का जाप विशेष फलदायी है।
हनुमान जी का आशीर्वाद पाने के लिए इन बातों को रखें ध्यान में...
- हनुमान जी को पुरुष वाचक फूल जैसे गेंदा, हजारा, कनेर, गुलाब आदि ही चढ़ाएं।
- वही, पूजन में लाल व पीले वस्त्र, केसरयुक्त चंदन, मूंज की यज्ञोपवीत, विशेष शुभ प्रभावी होते हैं।
- हनुमान जी को प्रसाद के रूप में मालपुआ, लड्डू, हलुआ, चूरमा, केला, अमरूद आदि का भोग लगाएं।
- इसके अलावा गाय के घी के दीपक जलाए।
- हनुमान जयंती के दिन दोपहर तक कोई भी नमकीन चीज न खाएं।
- इसके अलावा ऊर्जा उत्साह और बल प्राप्त करने के लिए हनुमान चालीसा, सुंदर काण्ड का पाठ करें।
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