वित्त बजट 2022-23 में सरकार के द्वारा क्रिप्टोकरेंसी को लेकर किए गए ऐलान के बाद बुधवार को वित्त सचिव टीवी सोमनाथन ने बड़ा बयान दिया। वित्त सचिव ने कहा कि निजी क्रिप्टो में निवेश करने वाले लोगों को यह समझना चाहिए कि उसके पास सरकार का अधिकार नहीं है। इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि आपका निवेश सफल होगा या नहीं। इसमें निवेश करने से आपको नुकसान हो सकता है और इसके लिए सरकार जिम्मेदार नहीं है।
वित्त सचिव टीवी सोमनाथन ने पीसी के दौरान कहा कि यह केवल क्रिप्टो के लिए नहीं है, यह सभी सट्टा आय के लिए है। उदाहरण के लिए यदि मैं घुड़दौड़ लेता हूं, तो उस पर भी 30 फीसदी कर लगता है। किसी भी सट्टा लेनदेन पर पहले से ही 30 फीसदी कर है। इसलिए हमने उसी दर से क्रिप्टोकरंसी पर टैक्स लगाने का फैसला किया है। क्रिप्टो एक सट्टा लेनदेन है, इसलिए हम इस पर 30 फीसदी की दर से कर लगा रहे हैं। इथेरियम का वास्तविक मूल्य कोई नहीं जानता। उनकी दर में दैनिक उतार-चढ़ाव होता है। क्रिप्टो के जरिए कमाई करने वालों को अब 30 फीसदी का भुगतान करना होगा। यह सरकार की नई नीति है।
सोमनाथन ने स्पष्ट रूप से कहा कि क्रिप्टो खरीदना या बेचना अवैध नहीं है। हमने जो कराधान ढांचा जारी किया है, उसमें हम क्रिप्टो परिसंपत्तियों को उसी तरह से व्यवहार करेंगे जैसे घुड़दौड़, सट्टेबाजी और अन्य समान लेनदेन से होने वाली कमाई। वैसे वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि हम क्रिप्टो करेंसी पर कानून बनाने पर विचार करेंगे। लेकिन वित्त सचिव ने कहा कि फिलहाल सरकार नियमन में जल्दबाजी नहीं करेगी। सिर्फ टैक्स लेने पर ध्यान दिया है। वहीं आरबीआई डिजिटल करेंसी लेकर आएगी। वित्त सचिव ने कहा कि आरबीआई द्वारा जारी की गई डिजिटल करेंसी लीगल टेंडर होगी।
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