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सुशांत सिंह केस: केंद्र ने CBI जांच सिफारिश की स्वीकार, SC ने कहा- मामले की सच्चाई सामने आनी चाहिए

सुशांत सिंह केस: केंद्र ने CBI जांच सिफारिश की स्वीकार, SC ने कहा- मामले की सच्चाई सामने आनी चाहिए

 

केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बुधवार को सूचित किया कि उसने एक्टर सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में बिहार सरकार की सीबीआई जांच की सिफारिश को स्वीकार कर लिया है। वही, कोर्ट ने कहा कि सुशांत की मौत के पीछे का सच सामने आना चाहिए। इसके अलावा जस्टिस ऋषिकेष राय की एकल पीठ ने महाराष्ट्र और बिहार सरकार के साथ ही सुशांत सिंह राजपूत के पिता कृष्ण किशोर सिंह को निर्देश दिया कि वे अभिनेत्री रिया चक्रवती की याचिका पर तीन दिन के भीतर जवाब दाखिल करें।

वही, एक्ट्रेस रिया चक्रवर्ती ने सुशांत के पिता द्वारा पटना के राजीव नगर थाने में 24 जुलाई को दर्ज कराई गई प्राथमिकी मुंबई पुलिस के पास भेजने का अनुरोध करते हुए न्यायालय में याचिका दायर कर रखी है। बता दें कि प्राथमिकी में रिया पर सुशांत को आत्महत्या के लिय उकसाने का आरोप लगाया गया है। सुप्रीम कोर्ट  ने रिया की याचिका अगले सप्ताह के लिए सूचीबद्ध करते हुए मुंबई पुलिस को राजपूत की मृत्यु के मामले में अब तक की जाच की प्रगति रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया।

सुशांत मामले की सुनवाई शुरू होते ही केंद्र की ओर से सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ को सूचित किया कि इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपने की बिहार सरकार की सिफारिश उसने स्वीकार कर ली है। पीठ ने वीडियो कांफ्रेन्स के माध्यम से सुनवाई करते हुए कहा, 'रिया चक्रवर्ती की याचिका पर महाराष्ट्र सरकार जवाब दाखिल करे और जहां तक इस कलाकार की मृत्यु का सवाल है तो सच्चाई सामने आनी ही चाहिए।'

पीठ ने कहा, 'इस मामले में एक विलक्षण प्रतिभा वाले कलाकार का निधन हुआ है।' वही, पीठ ने कहा कि उसके समक्ष उठाया गया बुनियादी मुद्दा यह है कि इस मामले की जांच का किस पुलिस को अधिकार है। सुनवाई के दौरान सुशांत के पिता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह ने कहा कि अगर सुप्रीम कोर्ट इस मामले की विवेचना करता है तो उन्हें कोई परेशानी नहीं है लेकिन रिया चक्रवर्ती को संरक्षण देने वाला कोई आदेश पारित नहीं किया जाना चाहिए।

विकास सिंह ने आरोप लगाया कि महाराष्ट्र पुलिस इस मामले में साक्ष्य नष्ट कर रही है और फिलहाल उसे बिहार पुलिस के साथ जांच में सहयोग करने का निर्देश दिया जाना चाहिए। वही, महाराष्ट्र की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता आर बसंत ने कहा कि इस मामले मे प्राथमिकी दर्ज करने या फिर जांच करने का पटना पुलिस को कोई अधिकार नहीं है और अब इसे एक राजनीतिक मामला बना दिया गया है। इस पर पीठ ने कहा कि पुलिस अधिकारी को क्वारंटाइन करने का अच्छा संदेश नहीं गया है, हालांकि मुंबई पुलिस की बेहतरीन छवि है।

पीठ ने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाये कि सब कुछ कानून के अनुसार ही हो। महाराष्ट्र सरकार ने पीठ से कहा, 'हम पेशेवर तरीके से ही अपना काम कर रहे हैं और मुंबई पुलिस को इस तरह से लांछित करना अनुचित है।' रिया चक्रवर्ती की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता श्याम दीवान ने कहा कि इस मामले के लंबित होने के दौरान उसके खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जानी चाहिए। वही, पीठ ने कहा, 'हम चाहते हैं कि सभी पक्ष संयम बरतें। वकील यहां पर हैं और निश्चित ही सबने आपको सुना है।'

बता दें कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राजपूत के पिता के अनुरोध पर मंगलवार को इस मामले की सीबीआई से जांच कराने की सिफारिश केन्द्र से की थी। वही, महाराष्ट्र सरकार इस मामले को सीबीआई को सौंपने का विरोध कर रही है। गौरतलब है कि सुशांत सिंह राजपूत 14 जून को मुंबई के उपनगर बांद्रा में अपने घर में मृत पाए गए थे।

यह भी पढ़ें- पटना पुलिस को मिली रिया की लोकेशन, मुंबई पुलिस के इशारे पर बदल रही थी ठिकाना


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