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सुप्रीम कोर्ट ने रैनबैक्सी के पूर्व प्रमोटर सिंह बंधुओं को अवमानना का दोषी करार दिया

सुप्रीम कोर्ट ने रैनबैक्सी के पूर्व प्रमोटर सिंह बंधुओं को अवमानना का दोषी करार दिया

 

सुप्रीम कोर्ट ने रैनबैक्सी के पूर्व प्रमोटर मलविंदर सिंह और शिविंदर सिंह को अदालत की अवमानना का दोषी माना है। सजा पर फैसला बाद में दिया जाएगा। मलविंदर-शिविंदर के खिलाफ 3,500 करोड़ रुपए के आर्बिट्रेशन अवॉर्ड मामले में लड़ रही जापान की दवा कंपनी दाइची सैंक्यो ने दोनों के खिलाफ मार्च में अवमानना याचिका भी दायर की थी।

दाइची ने कहा था कि कोर्ट की रोक के बावजूद शिविंदर-मलविंदर ने फोर्टिस हेल्थकेयर के शेयर बेचे। दाइची सैंक्यो रैनबैक्सी डील विवाद में मलविंदर-शिविंदर से आर्बिट्रेशन अवॉर्ड की मांग कर रही है। दाइची ने 2008 में रैनबैक्सी को खरीदा था। बाद में कहा कि मलविंदर-शिविंदर ने रैनबैक्सी के बारे में रेग्युलेटरी खामियों जैसी अहम जानकारियां छिपाईं। इस दलील के साथ उसने सिंगापुर ट्रिब्यूनल में शिकायत की थी। ट्रिब्यूनल ने 2016 में दाइची के पक्ष में फैसला देते हुए मलविंदर-शिविंदर को भुगतान के आदेश दिए थे।

सिंह भाइयों ने इसे भारत और सिंगापुर की अदालतों में चुनौती दी, लेकिन राहत नहीं मिली। दिल्ली हाईकोर्ट ने जनवरी 2018 में आर्बिट्रेशन अवॉर्ड का फैसला बरकरार रखा था। मलविंदर और शिविंदर रेलिगेयर फिनवेस्ट कंपनी में 2397 घोटाले के आरोप में जेल में हैं। दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने पिछले महीने उन्हें गिरफ्तार किया था। मलविंदर को गुरुवार को जेल में ही प्रवर्तन निदेशालय ने भी गिरफ्तार कर लिया।


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