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डॉलर के आगे फिर धराशायी हुआ रुपया, जानें शुरुआती कारोबार के दौरान कितना लुढ़का 

डॉलर के आगे फिर धराशायी हुआ रुपया, जानें शुरुआती कारोबार के दौरान कितना लुढ़का 

 

Rupee vs Dollar: इस साल भारतीय रुपये में लगातार उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है। यह कई बार अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रिकॉर्ड निचले स्तर को भी छू चुका है। गुरुवार को शुरुआती कारोबार में रुपया 7 पैसे गिरकर 88.69 प्रति डॉलर पर आ गया।

रुपये में गिरावट क्यों?

विश्लेषकों का कहना है कि घरेलू बाजारों में कमजोरी और अमेरिकी डॉलर के मजबूत होने से निवेशकों की धारणा प्रभावित हुई है। हालांकि, अमेरिका-भारत व्यापार समझौते पर चल रही बातचीत ने बाजार में कुछ सकारात्मकता ला दी है, जिससे निचले स्तरों पर रुपये को कुछ सहारा मिला है।

विदेशी मुद्रा कारोबारियों के अनुसार, अंतरबैंक विदेशी मुद्रा बाजार में रुपया डॉलर के मुकाबले 88.66 पर खुला, लेकिन जल्द ही 7 पैसे कमजोर होकर 88.69 प्रति डॉलर पर पहुँच गया।

शेयर बाजार में कमजोरी

घरेलू शेयर बाजारों में भी कमजोरी देखी गई। शुरुआती कारोबार में बीएसई सेंसेक्स 205.08 अंक गिरकर 84,261.43 पर आ गया। एनएसई निफ्टी 50 भी 61.15 अंक गिरकर 25,814.65 पर कारोबार कर रहा था। ब्रेंट क्रूड की कीमतें भी 0.13% गिरकर 62.63 डॉलर प्रति बैरल पर आ गईं।

विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) भारी बिकवाली कर रहे हैं। बुधवार को उन्होंने ₹1,750.03 करोड़ मूल्य के शेयर बेचे, जिससे रुपये पर अतिरिक्त दबाव पड़ा।

डॉलर सूचकांक, जो छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को मापता है, 0.02% बढ़कर 99.51 पर पहुँच गया। डॉलर में यह मजबूती न केवल रुपये पर बल्कि कई एशियाई मुद्राओं पर भी दबाव डाल रही है।

आगे क्या उम्मीद की जा सकती है?

बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि रुपये की दिशा काफी हद तक इस पर निर्भर करेगी:

  1. अमेरिकी ट्रेजरी यील्ड,
  2. कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव,
  3. और एफआईआई निवेश के रुझान।

यदि विदेशी पूंजी का बहिर्वाह जारी रहता है और डॉलर सूचकांक मजबूत बना रहता है, तो रुपये पर और दबाव पड़ सकता है। हालाँकि, व्यापार सौदों और निर्यात से जुड़ी सकारात्मक खबरें इसे स्थिरता प्रदान कर सकती हैं।


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