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निजी क्रिप्टोकरेंसी सुरक्षा के साथ अर्थव्यवस्था के लिए बेहद खतरनाक - आरबीआई रिपोर्ट

निजी क्रिप्टोकरेंसी सुरक्षा के साथ अर्थव्यवस्था के लिए बेहद खतरनाक - आरबीआई रिपोर्ट

 

आरबीआई (RBI) ने अपनी फाइनेंशियल स्टेबिलिटी रिपोर्ट में कहा है कि प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी के बढ़ते प्रसार ने दुनिया भर के नियामकों और सरकारों को जोखिम के प्रति सतर्क कर दिया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि इससे ग्राहक की सुरक्षा को रिस्क है। आरबीआई की रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग (एएमएल) और आतंकवाद के फाइनेंस (सीएफटी) से लड़ने में प्राइवेट निजी क्रिप्टोकरेंसी रिस्क खड़ा करते हैं।

एफएसआर रिपोर्ट में कहा गया है कि पूंजी प्रवाह प्रबंधन, वित्तीय और मैक्रो-आर्थिक स्थिरता, मोनेटरी पालिसी ट्रांसमिशन और करेंसी प्रतिस्थापन दीर्घकालिक चिंताएं हैं। यह रिपोर्ट हर दो साल में जारी की जाती है। रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) 12 के अनुसार वर्चुअल एसेट इकोसिस्टम ने एईसी, मिक्सर और टंबलर, विकेन्द्रीकृत प्लेटफॉर्म और एक्सचेंज, प्राइवेसी वॉलेट, अन्य प्रकार के प्रोडक्ट और सर्विसेज को देखा है। इन सबने पारदर्शिता को काम किया है।

आरबीआई ने कहा है कि टॉप 100 क्रिप्टोकरेंसी का कुल मार्केट कैप 2.8 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच गया है। उभरती बाजार अर्थव्यस्थाएं पूंजी नियंत्रण के अधीन हैं, ऐसे में वहां लोगों तक क्रिप्टो एसेट की मुफ्त पहुंच उनके पूंजी विनियमन (कैपिटल रेगुलेशन) ढांचे को कमजोर कर सकती है। आरबीआई की रिपोर्ट ने विकेन्द्रीकृत फाइनेंस के तेजी से विकास पर भी चिंता जाहिर की है, केंद्रीय बैंक का कहना है कि अर्थव्यवस्था की बजाय क्रिप्टोकरेंसी एसेट और अटकलों में निवेश एक खतरा है।

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