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New Parliament Building Foundation : PM मोदी बोले- आत्मनिर्भर भारत का गवाह बनेगा नया संसद भवन

New Parliament Building Foundation : PM मोदी बोले- आत्मनिर्भर भारत का गवाह बनेगा नया संसद भवन

 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज देश के नए संसद भवन की आधारशिला रखी और कहा कि यह आत्मनिर्भर भारत के निर्माण का साक्षी बनेगा और स्वतंत्र भारत में बने इस नये संसद भवन को देखकर आने वाली पीढ़ियां गर्व करेंगी। पीएम मोदी ने संसद भवन परिसर के पार्किंग क्षेत्र में बनने वाले संसद के नए त्रिभुजाकार भवन के निर्माण के लिए भूमिपूजन के बाद समारोह को संबाेधित किया।

इस दौरान लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश, संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी और शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने भूमिपूजन कार्यक्रम में भाग लिया। वही, केन्द्रीय मंत्री, विभिन्न राजनीतिक दलों के नेतागण, राजनयिक एवं अधिकारीगण भी कार्यक्रम में उपस्थित रहे। अपराह्न करीब एक बजे प्रधानमंत्री के पहुंचने पर दक्षिण भारतीय पुरोहितों ने वैदिक रीति से भूमिपूजन कार्यक्रम संपन्न कराया। नवग्रहों, क्षेत्रपाल, गणपति, अनंतशेष, भूदेवी, कूर्म एवं वराह रूपी विष्णु का पूजन किया गया। तत्पश्चात पीएम मोदी ने नवरत्न, नवधान्य, पंचधातु के कलश, चांदी की ईंट के रूप में आधारशिला रखी। तदुपरांत वहां उपस्थित जैन, ईसाई, पारसी, बौद्ध, इस्लामिक आदि विविध पंथों के धर्माचार्यों ने अपने-अपने धर्म के अनुसार प्रार्थनाएं कीं। 

वही, नए संसद भवन के शिलान्यास को भारत के लोकतांत्रिक इतिहास में मील के पत्थर बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, 'पुराने संसद भवन ने स्वतंत्रता के बाद देश को दिशा दी, तो नया भवन आत्मनिर्भर भारत के निर्माण का गवाह बनेगा। पुराने भवन में देश की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए काम हुआ, तो नये भवन में 21वीं सदी के भारत की आकांक्षाएं पूरी की जाएंगी। जैसे आज इंडिया गेट से आगे राष्ट्रीय समर स्मारक ने नई  पहचान बनाई है, वैसे ही संसद का नया भवन अपनी पहचान स्थापित करेगा।  आने वाली पीढ़ियां नए संसद भवन को देखकर गर्व करेंगी कि यह स्वतंत्र भारत में बना है। आजादी के 75 वर्ष का स्मरण करके इसका निर्माण हुआ है।'

उन्होंने आगे कहा कि कोई मंदिर बनता है तो जब तक प्राण प्रतिष्ठा नहीं हो, तब तक वह एक भवन या इमारत मात्र ही होती है। उन्होंने कहा कि संसद के नए भवन की लोकतंत्र के नए मंदिर के रूप में प्राण प्रतिष्ठा संसद में चुनकर आने वाले प्रतिनिधि करेंगे जिसकी कोई विधि निश्चित नहीं है। इसके अलावा पीएम मोदी ने कहा, 'भारत की एकता-अखंडता को लेकर किए गए उनके प्रयास, इस मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा की ऊर्जा बनेंगे। जब एक-एक जनप्रतिनिधि, अपना ज्ञान, बुद्धि, शिक्षा, अपना अनुभव पूर्ण रूप से यहाँ निचोड़ देगा, उसका अभिषेक करेगा, तब इस नये संसद भवन की प्राण-प्रतिष्ठा होगी।'

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