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Pegasus Case: सुप्रीम कोर्ट का केंद्र सरकार को नोटिस, 10 दिन में मांगा जवाब

Pegasus Case: सुप्रीम कोर्ट का केंद्र सरकार को नोटिस, 10 दिन में मांगा जवाब

 

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कथित पेगासस जासूसी मामले की स्वतंत्र जांच कराने की मांग से संबंधित याचिकाओं पर केंद्र की मोदी सरकार को नोटिस जारी किया है। साथ ही कोर्ट ने स्पष्ट किया कि वह नहीं चाहता, केंद्र की मोदी सरकार ऐसी किसी बात का खुलासा करे जिससे राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता हो। चीफ जस्टिस एनवी रमण, न्यायमूर्ति सूर्य कांत और न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस की तीन सदस्यीय पीठ ने याचिकाओं पर सरकार से जवाब मांगते हुए कहा कि वह 10 दिन बाद इस मामले को सुनेगी और देखेगी कि इसमें क्या प्रक्रिया अपनाई जानी चाहिए।

पीठ ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से कहा कि सुप्रीम कोर्ट से नहीं चाहता है कि सरकार किसी ऐसी चीज का खुलासा न करे जिससे राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा हो सकता हो। अदालत ने यह टिप्पणी मेहता की उस दलील के बाद की जिसमें उन्होंने कहा था कि हलफनामे में सूचना की जानकारी देने से राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा जुड़ा है। याचिकाकर्ताओं ने हलफनामे में जानकारी दिए जाने की मांग की थी। न्यायालय 'एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया'

की याचिका सहित विभिन्न याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है। इनमें वरिष्ठ पत्रकार एन. राम और अरुण शौरी तथा गैर सरकारी संगठन कॉमन काज भी शामिल है। याचिकाओं में सारे मामले की स्वतंत्र जांच कराने की मांग की गई है। ये याचिकाएं इजराइली कंपनी एनएसओ के जासूसी सॉफ्टवेयर पेगासस का इस्तेमाल सरकारी एजेंसियों द्वारा कथित तौर पर प्रमुख नागरिकों, राजनेताओं और पत्रकारों की जासूसी से संबंधित है। एक अंतरराष्ट्रीय मीडिया संघ ने बताया है कि 300 से ज्यादा सत्यापित भारतीय मोबाइल फोन नंबर पेगासस स्पाइवेयर का उपयोग करके निगरानी के लिए संभावित लक्ष्यों की लिस्ट में थे।

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