indian Cricket Team: 19 नवंबर 2023… यह तारीख भारतीय क्रिकेट इतिहास में हमेशा के लिए जलते हुए जख्म की तरह दर्ज हो गई। उस सुबह सूरज कुछ ज्यादा चमक रहा था, मानो किस्मत खुद भारत को चमकाने उतरी हो। गली, मोहल्लों में बस एक ही आवाज थी- इंडिया! इंडिया! इंडिया! देश के हर कोने से लोग नीली जर्सी पहनकर अहमदाबाद के लिए निकल पड़े। ट्रेनें खचाखच भरीं, मेट्रो में सांस लेने की जगह नहीं, पर किसी को परवाह नहीं थी। सबके दिलों में बस एक तस्वीर थी- रोहित ट्रॉफी उठाते हुए… कोहली आसमान की ओर बल्ला उठाते हुए… आतिशबाजी से रोशन होती रात।
रोहित और गिल मैदान पर उतरे, स्टेडियम ने दोनों का खूब चीयर किया
राष्ट्रगान के बाद जब रोहित और गिल मैदान पर उतरे, स्टेडियम ने दोनों का खूब चीयर किया। रोहित ने जैसे ही पहली और दूसरी गेंद पर बाउंड्री लगाई, हर भारतीय को लगा- बस, आज हमारी रात है। इसके बाद गिल जल्दी आउट हो गए, पर कोहली उतरे तो दिलों में फिर रोशनी लौटी। स्टार्क को तीन चौके लगाकर कोहली ने मानो कह दिया- ये हमारा विश्व कप है। लेकिन फिर वह क्षण आया जिससे स्टेडियम में खामोशी छा गई। रॉहित का वो ऊंचा शॉट…और ट्रेविस हेड का वह असंभव सा कैच। स्टेडियम बिल्कुल वही मौन हो गया जो पैट कमिंस ने पहले ही दिन कहा था- हम फैंस को खामोश कर देंगे।'
ऑस्ट्रेलिया ने जीत हासिल की और कमिंस ने ट्रॉफी उठाई
जब ऑस्ट्रेलिया ने जीत हासिल की और कमिंस ने ट्रॉफी उठाई, भारतीय खिलाड़ी चुपचाप अपने चेहरों को कैप से ढकते हुए चले गए। पीठ झुकी हुई… चाल धीमी… आंखें लाल। कुछ खिलाड़ी तो मैदान पर ही फूट-फूटकर रोने लगे। क्या रोहित...क्या कोहली...सभी की आंखें नम थीं। हम ट्रॉफी के इतने करीब आकर उससे दूर हो गए थे। स्टेडियम में उस रात सिर्फ रोशनियां थीं, दिल कहीं नहीं थे। 19 नवंबर का वह दर्द आज भी हर भारतीय फैन के भीतर जिंदा है। एक ऐसा जख्म जो वक्त के साथ हल्का नहीं हुआ…बल्कि और गहरा होता गया। क्योंकि उस रात क्रिकेट नहीं हारा था, 140 करोड़ दिल हार गए थे।