होम
देश
दुनिया
राज्य
खेल
बिजनेस
मनोरंजन
सेहत
नॉलेज
फैशन/लाइफ स्टाइल
अध्यात्म

 

अब किसानों तक सीधे पहुंचेगा MSP का पूरा फायदा, कई राज्यों ने शुरू की बायोमैट्रिक पहचान

अब किसानों तक सीधे पहुंचेगा MSP का पूरा फायदा, कई राज्यों ने शुरू की बायोमैट्रिक पहचान

 

रबी सीजन की प्रमुख फसल गेहूं की सरकारी खरीद शुरू होने से पहले केंद्र सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि इस सीजन से पूरे देश में किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर सीधे खरीदे गए अनाज के दाम का भुगतान सीधे उनके खाते में ही हो। ऐसे में कुछ राज्यों ने तो एमएसपी पर खरीद के लिए किसानों की बायोमेट्रिक पहचान की व्यवस्था लागू की है।

इस बीच अधिकारियों का कहना है कि इस व्यवस्था से असली किसानों की पहचान आसान होने के साथ-साथ एमएसपी पर खरीद की व्यवस्था में पारदर्शिता आई है। वहीं, केंद्र सरकार में खाद्य सचिव सुधांशु पांडेय ने बताया कि एमएसपी पर खरीद के लिए किसानों की बायोमेट्रिक पहचान उत्तर प्रदेश, ओडिशा, बिहार और राजस्थान में शुरू की गई है।

इसके अलावा पंजाब में अब तक किसानों को एमएसपी का भुगतान आढ़तियों के जरिए ही हो रहा है, जबकि हरियाणा में एमएसपी का भुगतान किसानों के खाते में आंशिक होता है। लेकिन खाद्य मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया आगामी रबी सीजन से हरियाणा भी तरह किसानों के खाते में एमएसपी का ऑनलाइन भुगतान की व्यवस्था लागू करने जा रहा है।

वहीं, केंद्र सरकार में खाद्य सचिव सुधांशु पांडेय कहा कि एमएसपी पर अनाज खरीद से लेकर सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के लाभार्थियों के बीच उसका वितरण की पूरी व्यवस्था में पूरी पारदर्शिता लाने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने बताया कि अनाज की खरीद, गोदामों के प्रबंधन से लेकर अन्न वितरण तक के पूरे चेन को एकीकृत करने का प्रया किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि एफसीआई (भारतीय खाद्य निगम) का अपना जो डिपो मैनेजमेंट है वह ऑनलाइन है और राज्य सरकारों के अधिकांश वेयरहाउसेस ऑनलाइन हैं और अन्न वितरण प्रणाली ऑनलाइन है जहां उचित मूल्य की दुकान (राशन की दुकान) से अनाज वितरण के बाद उसका डाटा मिल जाता है। अब इन सबकों निर्बाध तरीके से जोड़ने का काम चल रहा है। इस प्रकार, कहां से अनाज की कितनी खरीद हुई और किस गोदाम में कितना अनाज रखा गया और वहां से किस राशन की दुकान में कितना अनाज पहुंचा और वहां कब कितना बटा, इसकी पूरी निगरानी ऑनलाइन करना आसान हो जाएगा।

एफसीआई के गोदामों में अनाज खराब होने को लेकर पूछे गए एक सवाल पर उन्होंने बताया कि इसकी मात्रा 0.004 फीसदी से भी कम है। उन्होंने बताया कि अब आधुनिक भंडारण व्यवस्था बनाई जा रही है, जिसके तहत 43 स्थानों पर साइलोज बनाए जा रहे हैं। बता दें कि रबी विपणन सीजन 2021-22 की शुरुआत एक अप्रैल से होगी, मगर देश में गेहूं के दूसरे सबसे बड़े उत्पादक राज्य मध्यप्रदेश के कुछ क्षेत्रों में गेहूं की सरकारी खरीद 22 मार्च से शुरू होने जा रही है।

यह भी पढ़ें- हरियाणा में 1 अप्रैल से शुरू होगी गेहूं की सरकारी खरीद, 48 घंटे में होगा किसानों का भुगतान


संबंधित समाचार