Nitin Nabin Net Worth: भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने अपने संगठन के ढांचे में एक बड़ा बदलाव किया है। पार्टी ने बिहार की राजनीति में मजबूत पकड़ रखने वाले और मौजूदा मंत्री नितिन नवीन को BJP का राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया है। यह फैसला 14 दिसंबर, 2025 को तुरंत लागू हो गया। राजनीतिक गलियारों में इस नियुक्ति को BJP की भविष्य की रणनीतियों का एक अहम हिस्सा माना जा रहा है। सबसे खास बात यह है कि नितिन नवीन इस पद पर पहुंचने वाले सबसे कम उम्र के नेता बन गए हैं। उनके जमीनी समर्थन और प्रशासनिक क्षमताओं ने उन्हें इस मुकाम तक पहुंचाया है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि अपने राजनीतिक प्रभाव के अलावा नितिन नवीन कितने अमीर हैं?
नितिन नवीन के पास कितनी संपत्ति है?
अपनी राजनीतिक ताकत के साथ-साथ नितिन नवीन की आर्थिक स्थिति भी काफी मजबूत है। चुनाव आयोग को दिए गए उनके हलफनामे के मुताबिक, नए BJP राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष की कुल संपत्ति 3.1 करोड़ रुपये आंकी गई है। हालांकि, उन पर कुछ देनदारियां भी हैं। दस्तावेजों के अनुसार, उन पर लगभग 56.7 लाख रुपये का कर्ज है।
उनकी सालाना आय की बात करें तो नितिन नवीन की सालाना कमाई 4.8 लाख रुपये बताई गई है। जहां नेताओं को अक्सर लंबित कानूनी मामलों को लेकर जांच का सामना करना पड़ता है, वहीं नितिन नवीन के खिलाफ 5 आपराधिक मामले लंबित हैं, लेकिन उनमें से कोई भी गंभीर प्रकृति का नहीं है।
बांकीपुर का अभेद्य किला
नितिन नवीन बिहार के बांकीपुर विधानसभा क्षेत्र से लगातार चौथी बार विधायक चुने गए हैं। यह सीट सिर्फ उनके लिए एक चुनावी क्षेत्र नहीं है, बल्कि एक पारिवारिक विरासत है, क्योंकि उनके पिता, स्वर्गीय नवीन किशोर प्रसाद सिन्हा ने भी इस सीट का प्रतिनिधित्व किया था।
2025 के बिहार विधानसभा चुनावों में, नितिन नवीन ने अपनी जबरदस्त लोकप्रियता का प्रदर्शन किया। उन्होंने राष्ट्रीय जनता दल (RJD) की रेखा कुमारी को 51,936 वोटों के भारी अंतर से हराया। इस शानदार जीत ने लोगों के साथ उनके गहरे जुड़ाव को साबित किया। इस जीत के बाद, उन्हें नीतीश कुमार और सम्राट चौधरी के नेतृत्व में बिहार में बनी सरकार में मंत्री पद भी दिया गया।
नितिन नवीन का कद कैसे बढ़ा?
नितिन नवीन को यह महत्वपूर्ण जिम्मेदारी रातों-रात नहीं मिली; यह सालों के संगठनात्मक संघर्ष का नतीजा है। भारतीय जनता युवा मोर्चा (BJYM) में रहते हुए उन्होंने कई बड़े आंदोलनों में एक्टिव भूमिका निभाई। चाहे वह जम्मू-कश्मीर में 'नेशनल यूनिटी मार्च' हो या 1965 के युद्ध के शहीदों के सम्मान में गुवाहाटी से तवांग तक की 'श्रद्धांजलि मार्च', नितिन नवीन हमेशा सबसे आगे रहे।
इसके अलावा, जब भी संगठन ने उन्हें बिहार से बाहर भेजा, उन्होंने अपनी काबिलियत साबित की। सिक्किम और छत्तीसगढ़ में पार्टी के इंचार्ज और को-इंचार्ज के तौर पर उनके काम की बहुत तारीफ हुई। माना जाता है कि छत्तीसगढ़ में बीजेपी की चुनावी जीत में उनकी रणनीतियों का अहम रोल था।