जी-7 की इस पहल को चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की पसंदीदा BRI परियोजना को झटका दे सकता है। विदेश मंत्रालय के अधिकारी के अनुसार भारत अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन की BBB परियोजना में अध्ययन के बाद ही उसमें शामिल होगा।
आपको बता दें, जी-7 शिखर सम्मेलन में अमेरिकी राष्ट्रपति ने ग्लोबल इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट बिल्ड बैक बेटर प्लान का प्रस्ताव दिया है। इसे चीन के बेल्ट एंड रोड प्रोजेक्ट को काउंटर करने वाला माना जा रहा है। भारत ने ग्लोबल इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट BBB पर विचार करने पर सोच रही है।
इसके साथ ही सरकार की ओर से कहा गया है कि अमेरिकी राष्ट्रपति के बिल्ड बैक बेटर प्रोजेक्ट की पहले स्टडी की जाएगी। अगर दुनिया के G-7 देश इस दिशा में आगे बढ़ते हैं। तो एशिया से यूरोप तक के मुल्कों में दखल की तैयारी कर रहे चीन को बड़ा झटका लगेगा।
विदेश मंत्रालय के अधिकारी पी. हर्ष ने कहा भारत अपनी एजेंसियों के जरिए इसका प्रभाव का आकलन कराएगा और उसके बाद इससे जुड़ भी सकता है। चीन के बेल्ट एंड रोड प्रोजेक्ट की उन देशों की ओर से भी आलोचना शुरू हो गई है। जो उसका हिस्सा हैं। इस प्रोजेक्ट पर 40 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की लागतर का अनुमान है। इसके साथ ही ग्लोबल इन्फ्रास्ट्रक्चर प्लान के जरिए बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर भी पैदा होने की बात कही जा रही है
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