India’s GDP Update:भारत की अर्थव्यस्था दुनिया में तेजी से आगे बढ़ रही है। वित्त वर्ष 2022-23 के चौथी तिमाही के आंकड़े जारी किए गए हैं, जिसमें भारत की आर्थिक वृद्धि की दर 7.2 फीसदी रही है। बता दें कि कृषि, विनिर्माण, खनन और निर्माण क्षेत्रों के बेहतर प्रदर्शन से देश की आर्थिक वृद्धि दर बीते वित्त वर्ष 2022-23 की चौथी तिमाही में 6.1 फीसदी रही। इसके साथ, पूरे वित्त वर्ष के दौरान सकल घरेलू उत्पाद (GDP) वृद्धि दर 7.2 फीसदी पर पहुंच गई, जो अनुमान से अधिक है। इस वृद्धि के साथ देश की अर्थव्यवस्था 3,300 अरब डॉलर की हो गयी है।
Economic growth in FY23 clocked 7.2 per cent, higher than the Second Advance Estimates of 7 per cent. (5/6) pic.twitter.com/AbFeJgh0O3
— Ministry of Finance (@FinMinIndia) May 31, 2023
एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था ने सारे अनुमानों को पीछे छोड़ते हुए जनवरी-मार्च तिमाही में 6.1 फीसदी की दर से वृद्धि की। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय के आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2022-23 की जनवरी-मार्च तिमाही में वृद्धि दर 6.1 फीसदी रही। जबकि इससे पहले, अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में यह 4.5 फीसदी और जुलाई-सितंबर तिमाही में 6.2 फीसदी थी.
Growth momentum sustained in Q4 of FY23 at 6.1 per cent. (6/6) pic.twitter.com/pgunh2RN9f
— Ministry of Finance (@FinMinIndia) May 31, 2023
आयात-निर्यात कम होने से जोखिम बढ़ा
जीएसटी संग्रह, बिजली खपत, पीएमआई (परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स) जैसे संकेतक अप्रैल में आर्थिक गतिविधियां बने रहने के संकेत दे रहे हैं. हालांकि निर्यात और आयात कम हुआ है. इससे कुछ जोखिम उत्पन्न हुआ है. मानसून और वैश्विक स्तर पर राजनीतिक जोखिम को छोड़कर देश की आर्थिक वृद्धि दर 2023-24 में 6.5 फीसदी के अनुमान से ऊपर रह सकती है.
राजकोषीय घाटा GDP का 6.4 फीसदी
लेखा महानियंत्रक के आंकड़ों के अनुसार वित्त वर्ष 2022-23 में राजकोषीय घाटा GDP का 6.4 फीसदी रहा, जो लक्ष्य के अनुरूप है. कर और गैर-कर राजस्व संग्रह बेहतर रहने से राजकोषीय घाटा को थामने में मदद मिली।