कृषि कानूनों के विरोध में जारी किसान आंदोलन के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक ट्वीट किया है। ट्वीट में पीएम मोदी ने कहा है कि मंत्रिमंडल के मेरे दो सहयोगी नरेंद्र सिंह तोमर जी और पीयूष गोयल जी ने नए कृषि कानूनों और किसानों की मांगों को लेकर विस्तार से बात की है। उन्होंने इस ट्वीट के साथ एक वीडियो भी साझा किया। इस वीडियो में गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए दोनों मंत्रियों ने किसान की हर समस्या पर विस्तार से बताया और सरकार ने क्या समाधान रखा है उसके बारे में जानकारी दी थी। पीएम मोदी ने इस वीडियो को शेयर को शेयर करते हुए कहा कि इसे जरूर सुनें।
मंत्रिमंडल के मेरे दो सहयोगी नरेंद्र सिंह तोमर जी और पीयूष गोयल जी ने नए कृषि कानूनों और किसानों की मांगों को लेकर विस्तार से बात की है। इसे जरूर सुनें-https://t.co/B9GwPf5i3K
— Narendra Modi (@narendramodi) December 11, 2020
क्या बोले थे कृषि मंत्री
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने गुरुवार प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि सरकार के लिखित प्रस्ताव पर किसान संगठनों से आगे भी बातचीत को हम तैयार हैं। यह पत्रकार वार्ता भी इसी संदर्भ में है। जैसे ही किसान संगठनों की ओर से प्रस्ताव आएगा सरकार फौरन चर्चा के लिए तैयार होगी। इसके आगे तोमर ने कहा कि सरकार व किसान संगठनों में चर्चा चल रही है, इस बीच आंदोलन तेज करने की घोषणा को सही नहीं ठहराया जा सकता है। सरकार की ओर से चर्चा बंद कर दी जाती तब उनका आंदोलन करना वाजिब था।
MSP पर लिखित आश्वासन देने को तैयार सरकार
नरेंद्र तोमर ने कहा कि नए कृषि कानूनों लागू होने के बाद भी न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) जारी रहेगी, फिर भी किसान संगठनों के मांग पर सरकार एमएसपी जारी रहने का लिखित आश्वासन देने को तैयार है। राज्य सरकारें कृषि कानून के तहत व्यपार करने वाली कंपनियों के पंजीकरण के नियम बना सकती हैं। इसका भी प्रावधान करने को हम तैयार है। सरकारी मंडियों के बाहर निजी मंडियों पर राज्य सरकारें सेस-टैक्स लगा सकेंगी। पैन कार्ड के साथ व्यापारी-कंपनी को पंजीकरण करना अनिवार्य होगा। ठेका खेती में विवाद होने पर किसान एसडीएम कोर्ट के अलावा सिविल कोर्ट भी जा सकेंगे।
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