विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को हरियाणा में एक और झटका लगा है। अशोक तंवर के बाद दिग्गज नेता प्रोफेसर संपत सिंह ने भी पार्टी छोड़ने का एलान कर दिया। रविवार शाम को पूर्व वित्त एवं गृह मंत्री ने आजाद नगर में कार्यकर्ताओं के साथ बैठक की। संपत सिंह ने कहा कि उन्होंने 40 साल से भी ज्यादा समय तक साफ-सुथरी राजनीति की है। पहले इनेलो में रहकर जनता की सेवा की, उसके बाद कांग्रेस में शामिल हुए।
कांग्रेस ने फतेहाबाद से नए बने नलवा हलके में भेज दिया। मगर हलका नया होने के बावजूद उन्होंने कड़ी मेहनत कर कार्यकर्ताओं को संजोया। इन्हीं कार्यकर्ताओं के बल पर कांग्रेस को मजबूती प्रदान की। 2009 में विधायक बनकर हलके के ग्रामीण आंचल के विकास में कोई कसर नहीं छोड़ी। मगर अब कांग्रेस ने ही उनको बेघर कर दिया। उनका टिकट काटकर उनके साथ धोखा किया गया है।
Wishing @BhupinderSHooda ji a very healthy & a happy b’day! #HBDBSHooda pic.twitter.com/IxUyDUqwe7
— Prof. Sampat Singh (@SampatS1) September 15, 2019
बता दे संपत सिंह ने 1982 में पहली बार जनता पार्टी की टिकट से भट्टूकलां से विधानसभा चुनाव लड़ा था। संपत 1982, 1987, 1991, 1998, 2000 में भी विधानसभा चुनाव लड़े और जीते। 1991 से 196 तक उन्होंने नेता प्रतिपक्ष की भूमिका भी निभाई। 2009 में उन्होंने कांग्रेस की टिकट पर चुनाव जीता।
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