इन दिनों हरियाणा (Haryana) के सभी विभागों में कार्यरत क्लर्क अन्य विभागों में कार्यरत कर्मचारियों की तुलना में आधे वेतन पर काम कर रहे हैं। जिसके कारण उनमें काफी रोष देखा जा रहा है। यहीं कारण है उन्होंने अपनी बात सरकार तक पहुंचाने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया है। ट्विटर पर लगातार वेतन बढ़ाने की मांग तेज होती जा रही है। ऐसे में शुक्रवार को पूंडरी में क्लेरिकल एसोसिएशन वेलफेयर सोसायटी ने लिपिक के मूल वेतन 35400 करवाने पर चर्चा करने के बाद विधायक पूंडरी, रणधीर गोलन को पूंडरी में सीएम के नाम ज्ञापन सौंपा। विधायक ने आश्वासन दिया कि जल्द ही मुख्यमंत्री से मिलकर लिपिकों की जायज मांग को मुख्यमंत्री के सामने रखेंगे।
क्लेरिकल एसोसिएशन वेलफेयर सोसाइटी (Clerical Association Welfare Society) के द्वारा इस ज्ञापन समारोह में कार्यकारिणी के जिला प्रधान राजेंद्र ढुल, जिला सचिव जगदीश फौजी, ब्लॉक पूंडरी के ब्लॉक प्रधान राकेश नैन के अलावा करीब 50 से अधिक क्लर्कों ने ज्ञापन समारोह में हिस्सा लिया। ज्ञापन से पहले एक बैठक भी की गई, इस बैठक में एक ही मुद्दे पर चर्चा की गयी कि क्लर्क की बेसिक वेतन 19900 से बढाकर 35400 कर दी जाये। मुख्यमंत्री, उप-मुख्यमंत्री व गृहमंत्री व मुख्य सचिव को भेजे ज्ञापन में सोसायटी ने कहा कि उनका वेतनमान बेसिक पे 35400 रुपये निर्धारित किया जाए। सोसायटी ने कहा कि उनके वेतनमान निर्धारित करने के लिए अपेक्स कोर्ट के फैसले का ध्यान रखा जाए।
माधवान कमेटी की रिपोर्ट, लिपिक वर्ग पर लगातार बढ़ रहे काम के बोझ व परिस्थितियों को ध्यान में रखकर उनका वेतन सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें के अनुरूप निर्धारित किया जाए। उनके वेतन में काफी विसंगितयां हैं। कहने को तो क्लर्कों को दिए जाने वाले वेतन में सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू हैं, लेकिन अन्य विभागों में उनके समकक्ष काम करने वाले कर्मचारियों की तुलना में उनका वेतन का आधा ही है। इनमें स्वास्थ्य विभाग में एमपीएचडब्ल्यू, शिक्षा विभाग में जेबीटी अध्यापक, विभिन्न तकनीकी शाखाओं में कार्यरत जेई, वन विभाग के डिप्टी रेंजर हों या अन्य बहुत सारे कर्मचारियों को मिलने वाले वेतन की बात हो। इन सभी श्रेणी के कर्मचारियों को क्लर्कां से करीब-करीब दोगुना वेतन मिल रहा है। जबकि इन क्लेर्को का मानदेय अभी भी काफी कम है।
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