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हरियाणा में आज शुरू होगी गेहूं की सरकारी खरीद, जानिए मंडियों में कैसे है इंतजाम

हरियाणा में आज शुरू होगी गेहूं की सरकारी खरीद, जानिए मंडियों में कैसे है इंतजाम

 

Haryana News: हरियाणा में आज से गेंहू की खरीद शुरु हो गई है, जिन किसानों की फसल पूरी तरह पक गई और वह सरकार को बेचना चाहते है तो वह आज से अनाज मंडियों में जाकर फसल बेच सकते हैं। 

वहीं फसल बेचने के लिए सरकार ने भी आवश्यक दिशा-निर्देश दिए है, सरकार ने किसानों से अपील करते हुए उन्होंने कहा कि किसान अपनी फसल की कटाई तब करें जब सही तरीके से गेहूं पककर तैयार हो जाए। गौरतलब है कि बीते दिनों प्रदेश में बारिश के चलते फसलों में नमी बनी हुई है। नियम के मुताबिक गेहूं में नमी की मात्रा 12 प्रतिशत होनी चाहिए। अगर इससे ज्यादा नमी होती है, तो उसको सुखाना जरुरी। खरीद को लेकर प्रशासन की ओर से सभी मंडी अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं। मंडियों में बिजली, पानी, शौचालय, सड़क इत्यादि के तोल कांटा दुरुस्त रखने के निर्देश दिए हैं।

4 एजेंसियां करेंगी खरीद 

वहीं इस बार प्रदेश में 23.99 लाख हेक्टेयर में गेहूं की फसल है। इससे 121 लाख टन से ज्यादा उत्पादन होने की संभावना जताई गई है। 80 लाख टन सरकारी खरीद का लक्ष्य है। इसके लिए 417 अनाज मंडियां व खरीद केंद्र बनाए गए हैं। चार एजेंसियां खरीद करेंगी। हरियाणा हर साल केंद्रीय फूल में 14% से अधिक अनाज भेजता है। 

करनाल मंडी का हाल 

जहां एक तरफ सरकार ने गेंहू खरीद का ऐलान कर दिया है तो वहीं अभी मंडियों में मेंटेनेंस का काम अभी भी चल रहा है। करनाल की नई अनाज मंडी के आढ़ती प्रधान रजनीश चौधरी ने कहा "मंडी में अभी एक शेड के मेंटेनेंस का काम चल रहा है। वहीं अनाज मंडी में सड़क बनाने का काम भी चल रहा है। सफाई व्यवस्था भी फिलहाल दिखाई नहीं दे रही। करनाल जिले में गेहूं खरीद के लिए 23 केंद्र बनाए गए हैं। जिसमें दो एजेंसी गेहूं की सरकारी खरीद करेगी, ये एजेंसी हैफेड और फूड सप्लाई है"।

अंबाला मंडी का हाल

अंबाला मंडी के सचिव नीरज भारद्वाज ने बताया "एक अप्रैल से गेहूं की सरकारी खरीद शुरू होने जा रही है। हमारी तरफ से किसानों के लिए सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। पीने के स्वच्छ पानी की व्यवस्था की गई है। शौचालय साफ किए गए हैं। साफ सफाई पूरी तरह से की गई है"। उन्होंने कहा कि "रात को लाइट का पूरा प्रबंध किया गया है।

बारिश अगर आती है, तो उसके लिए भी आढ़तियों के पास तरपालों का पूरा प्रबंध है, ताकि किसानों की फसल को बारिश से बचाया जा सके। मेरी फसल मेरा ब्यौरा पर जिन किसानों का पंजीकरण है। उनका गेट पास एक तारीख से ही कटना शुरू हो जाएगा। बारदाने की किसी भी प्रकार की कमी नहीं आने दी जाएगी और हैफेड की तरफ से खरीद की जाएगी"।

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