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अफगानिस्तान में सरकार और तालिबान आमने-सामने,भारत सरकार ने लिया बड़ा फैसला

अफगानिस्तान में सरकार और तालिबान आमने-सामने,भारत सरकार ने लिया बड़ा फैसला

 

अफगानिस्तान में तालिबान के बढ़ते कदमों को देखते हुए भारत सरकार ने भी बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने अफगानिस्तान में कंधार मिशन को बंद कर दिया है तो वहीं बिगड़ते हालातों को देखते हुए राजनायिकों और सुरक्षाकर्मियों को वापस बुला लिया है।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, भारत सरकार ने बिगड़ते हालातों को देखते हुए 50 राजनिकों और सुरक्षाकर्मियों को भारतीय एयरफोर्स की मदद से वापस वतन लाया गया है। फिलहाल, सरकार ने अस्थाई तौर पर कंधार में अपने राजनयिक मिशन को बंद कर दिया है।

विदेश मंत्रालय ने रविवार को कहा कि भारतीय कर्मियों की सुरक्षा सर्वोपरि है, यह कहते हुए कि युद्धग्रस्त देश में वाणिज्य दूतावास को बंद नहीं किया गया है। अस्थाई तौर पर बंद है। मंत्रालय ने आगे कहा कि भारत अफगानिस्तान में विकसित हो रही सुरक्षा स्थिति की बारीकी से निगरानी कर रहा है। हमारे कर्मियों की सुरक्षा सर्वोपरि है। कंधार में भारत के महावाणिज्य दूतावास को बंद नहीं किया गया है। हालांकि, कंधार शहर के पास भीषण लड़ाई के कारण लोगों को कुछ समय के लिए वापस लाया गया है।

कंधार के कॉन्सुलेट को बंद किया गया

उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया है कि स्थिति स्थिर होने तक यह पूरी तरह से अस्थायी रोक रहेगी। वाणिज्य दूतावास हमारे स्थानीय स्टाफ सदस्यों के माध्यम से काम करना जारी रखता है। अधिकारियों ने कहा कि यह कदम पूरी तरह से एहतियाती था और कुछ रिपोर्टों के आधार पर फैसला लिया गया है। हमारा उद्देश्य यह सुनिश्चित करना था कि भारतीय कर्मी सुरक्षित हैं और हमें लगा कि शहर के भीतर लड़ने का जोखिम उन्हें खतरे में डाल सकता है। जबकि दूसरी तरफ सुरक्षा एजेंसियों की रिपोर्ट के मुताबिक लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद समेत कई अन्य समूह तालिबान और अमेरिका द्वारा हस्ताक्षरित 2020 शांति समझौते के स्पष्ट उल्लंघन में अफगानिस्तान में तालिबान के साथ लड़ रहे हैं।

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