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RBI के पूर्व गवर्नर उर्जित पटेल का बयान, बैंक जरूरत से ज्यादा कर्ज में डूबे

RBI के पूर्व गवर्नर उर्जित पटेल का बयान, बैंक जरूरत से ज्यादा कर्ज में डूबे

 

भारतीय रिज़र्व बैंक के पूर्व गवर्नर उर्जित पटेल ने कहा है कि 2014 तक बैंकों और सरकार के कारण वर्तमान समय में कर्ज में गड़बड़ी और पूंजी आधार में कमी आई है। उर्जित पटेल ने सभी से बैंकिंग क्षेत्र के पहले जैसी स्थिति में वापस लौटने के लालच से बचने के लिए कहा है। बता दें सरकार के साथ मतभेदों के बाद पिछले साल 10 दिसंबर को रिज़र्व बैंक के गर्वनर के पद से इस्तीफा दे दिया था।

पटेल ने अपने इस्तीफे के करीब 6 महीने बाद डूबे कर्ज पर अपना रिएक्शन दिया है। पटेल ने कहा कि बैंक ओवर-लेंडिंग में लिप्त हैं। वह ज़रूरत से ज़्यादा कर्ज में डूबे हैं। वहीं सरकार ने भी अपनी भूमिका पूरी तरह से नहीं निभाई। उन्होंने ये स्वीकार भी किया कि नियामक को कुछ समय पहले ये कदम उठाने चाहिए थे।

अमेरिका के कैलिफोर्निया की स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में बुधवार को एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उर्जित पटेल ये बातें कहीं। उन्होंने कहा, हम इन परिस्थितियों में कैसे पहुंचे? चारों तरफ बहुत सी गलतियां हैं। 2014 से पहले सभी हितधारक अपनी भूमिका निभाने में असफल रहे, चाहें बैंक हों नियामक हों या फिर सरकार हो। उन्होंने कहा कि इस पर ध्यान देना चाहिए कि 2014 के बाद जिसमें सरकार के गार्ड में बदलाव देखा गया। रघुराम राजन के पदभार संभालने के बाद आरबीआई ने असेट क्वालिटी का रिव्यू करना शुरू किया। जिसके कारण सिस्टम और रिज़ॉल्यूशन में छिपी बड़ी गड़बड़ी सामने आई। जिसे दूर करने के लिए बैंकरप्सी कानूनों की शुरूआत की गई।

इसकी वजह से अर्थव्यवस्था की जरूरतों को पूरा करने के लिए बैंकों की क्षमता में भारी गिरावट आई जिससे विकास की गति भी धीमी हुई। डिप्टी गवर्नर की भूमिका में आरबीआई में पांच साल बिता चुके पटेल ने सलाह दी कि अभी कठिनाइयों के बीच भी अपने क्रम पर बने रहना ज़रूरी है। पटेल ने कहा अतीत को वापस लाने के लिए प्रलोभन दिया जाना चाहिए। पटेल ने कहा कि पुरानी राह पर लौटने का लालच हमें छोड़ना होगा।


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