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Allahabad High Court ने पूछा - 'क्या चुनाव अधिकारियों को ऑनलाइन प्रशिक्षण नहीं दिया जा सकता'

Allahabad High Court ने पूछा - 'क्या चुनाव अधिकारियों को ऑनलाइन प्रशिक्षण नहीं दिया जा सकता'

 

इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने निर्वाचन आयोग (Election Commission) व राज्य सरकार से एक सवाल पूछा है कि 'विधानसभा चुनाव के जिन पीठासीन अधिकारियों की प्रतिरोधक क्षमता कमजोर है और ट्रेनिंग के बाद उनके घर लौटने पर परिवारजनों को संक्रमण का खतरा है, क्या उन्हें ऑनलाइन प्रशिक्षण मुहैया नहीं कराया जा सकता?'

यह आदेश न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा एवं न्यायमूर्ति शेखर कुमार यादव की खंडपीठ ने दयालबाग शिक्षण संस्थान की याचिका की अर्जेंट सुनवाई करते हुए रविवार को हुए दिया है। कोर्ट ने आयोग के वरिष्ठ अधिवक्ता राकेश पांडेय व मुख्य स्थायी अधिवक्ता जेएन मौर्य से यह जानकारी लेने करने को कहा कि क्या ऐसे लोगों को ऑनलाइन प्रशिक्षण दे सकते हैं।

कहा गया कि चुनाव आयोग की गाइडलाइंस के खंड 40 में यह लिखा है कि चुनाव अधिकारियों को ऑनलाइन प्रशिक्षण दे सकते है। बता दें कि संस्थान ने अपनी याचिका में निर्वाचन कार्य के लिए 24 व 25 जनवरी को होने वाले प्रशिक्षण में अस्वस्थ लोगों के जाने से खतरे की आशंका जताते हुए हस्तक्षेप करने की मांग की है।

याचिका में कहा गया है कि 324 में से 194 लोगों को 24 व 25 जनवरी को प्रशिक्षण के लिए बुलाया है। इन 194 लोगों में से कुछ लोग ऐसी बीमारी से ग्रस्त हैं, जिससे उनके कोरोना संक्रमित (Corona Positive) होने की संभावना अधिक है। साथ ही वे यदि संक्रमण लेकर घर वापस गए तो यह उनके परिवार के हित में नहीं होगा। याचिका की अगली सुनवाई आज यानी सोमवार को होनी है।

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