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होलिका दहन के लिए भूलकर भी न करें ये गलतियां, संतान पर पड़ सकता है भारी

होलिका दहन के लिए भूलकर भी न करें ये गलतियां, संतान पर पड़ सकता है भारी

 

Holika Dahan 2023 : होली का त्योहार हिंदू धर्म का सबसे महत्त्वपूर्ण त्योहार है। इस त्योहार में रात के समय होलिका दहन किया जाता है जिसका खास महत्त्व होता है। होलिका दहन को बुराई पर अच्छाई की जीत के रुप में मनाया जाता है। ऐसी मान्यता है कि इसी दिन होलिका नामक राक्षसी की मृत्यु हुई थी। 

होलिक दहन में इन लकड़ियों का इस्तेमाल न करें 

होलिका दहन के लिए होलाष्टक से ही तैयारियां शुरू हो जाती है। जिसके लिए लोग लकड़ी, उपले एक जगह इकट्ठा करते है। लेकिन ये जरुर ध्यान दें कि बरगद, पीपल, आंवला, अशोक, शमी, नीम, आम, केला और बेल के पेड़ों की लकड़ी ना लें क्योंकि सनातन धर्म में इन पेड़ों को पूजनीय माना जाता है और इन पेड़ों की लकड़ियों का इस्तेमाल यज्ञ, अनुष्ठान आदि शुभ कार्यों के लिए किया जाता है। 

भूलकर भी ना करें ये गलती... 

बरगद, पीपल, आंवला, अशोक, शमी, नीम, आम, केला और बेल के पेड़ों की लकड़ियों का प्रयोग यज्ञ और अनुष्ठान के अलावा प्रयोग नहीं करना चाहिए, नहीं तो भारी नुकसान भुगतने पड़ सकते है। इससे पितृ और कालसर्प दोष लगता है। इन दोषों के कारण संतान संबंधी समस्याएं, वैवाहिक जीवन में अशांति आने लगती है। इन पेड़ों को नुकसान पहुंचाने से घर में दरिद्रता का भी वास होता है। धनवान व्यक्ति भी कंगाली की कगार पर आ जाता है।
 


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