New Delhi: सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के रिज क्षेत्र में बिना अनुमति पेड़ काटने के मामले में दिल्ली विकास प्राधिकरण यानी कि DDA के खिलाफ सख्त रुख अपनाया है। कोर्ट ने डीडीए को आपराधिक अवमानना का दोषी ठहराते हुए 3 अधिकारियों पर 25,000 रुपये का जुर्माना लगाया है। हालांकि, कोर्ट ने DDA के तत्कालीन वाइस चेयरमैन, जो अब इस पद पर नहीं हैं, के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई बंद कर दी है। बता दें कि यह मामला दिल्ली के रिज क्षेत्र में 1,100 से ज्यादा पेड़ों की अवैध कटाई से संबंधित है, जो सेंट्रल आर्म्ड पुलिस फोर्सेज इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (CAPFIMS) अस्पताल तक पहुंचने वाली सड़क को चौड़ा करने के लिए की गई थी।
कोई आधिकारिक रिकॉर्ड नहीं
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने DDA से यह स्पष्ट करने को कहा था कि क्या पेड़ कटाई का आदेश दिल्ली के लेफ्टिनेंट गवर्नर वी.के. सक्सेना, जो DDA के चेयरमैन भी हैं, के निर्देश पर हुआ था। हालांकि, डीडीए ने दावा किया कि LG का दौरा CAPFIMS अस्पताल से संबंधित था और उनके सचिवालय में इस दौरे का कोई आधिकारिक रिकॉर्ड नहीं है। कोर्ट ने इस पर नाराजगी जताते हुए कहा कि DDA 'उच्च अधिकारियों को बचाने' की कोशिश कर रहा है।
कोर्ट ने डीडीए के कार्य को गलत ठहराया
हालांकि कोर्ट ने डीडीए के कार्य को गलत ठहराया, लेकिन यह भी माना कि सड़क चौड़ीकरण का उद्देश्य CAPFIMS अस्पताल तक आपातकालीन वाहनों की पहुंच आसान बनाना था, जो एक 'सार्वजनिक हित' का कार्य है। इस कारण कोर्ट ने अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने से परहेज किया, लेकिन पर्यावरणीय क्षति की भरपाई के लिए सख्त कदम उठाने के निर्देश दिए। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार और DDA को पर्यावरण संरक्षण के लिए अपनी कार्यप्रणाली में सुधार करने की सलाह दी है।