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कोर्ट ने ओमप्रकाश चौटाला को सुनाई 4 साल की सजा, देना होगा 50 लाख रुपये का जुर्माना  

कोर्ट ने ओमप्रकाश चौटाला को सुनाई 4 साल की सजा, देना होगा 50 लाख रुपये का जुर्माना  

 

हरियाणा के दिग्गज नेता और पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला (Om Prakash Chautala) को सीबीआई (CBI) की विशेष अदालत ने शुक्रवार को 4 साल की सजा सुनाई है। दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट (Rouse Avenue Court) ने आय से अधिक संपत्ति मामले (Disproportionate Assets Case) में ओमप्रकाश चौटाला को 4 साल की सजा सुनाई है, इसके साथ 50 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। चौटाला की 4 संपत्तियों को अटैच करने का भी  कोर्ट ने आदेश दिया है।

सीबीआई ने सजा में रियायत देने की दलील का किया था विरोध

बता दें कि अदालत में सीबीआई ने आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में उम्र एवं दिव्यांगता के आधार पर हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला की सजा में रियायत देने की दलील का विरोध किया था। राउज एवेन्यू स्थित विशेष न्यायाधीश विकास ढल की अदालत में अभियोजन पक्ष ने कहा कि दोषी को उसकी उम्र नहीं बल्कि कानून के आधार पर अपराध की सजा दी जानी चाहिए। अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद अंतिम जिरह के लिए शुक्रवार दोपहर दो बजे तक के लिए सुनवाई स्थगित कर दी। शुक्रवार को जिरह के बाद अदालत अपना फैसला सुना सकती है। मालूम हो कि मामले में लंबी सुनवाई के बाद 21 मई को कोर्ट ने चौटाला को दोषी करार दिया था। अब सजा को लेकर बहस तेज होती दिखाई दे रही है।

जेल में अच्छा रहा चौटाला का बर्ताव: बचाव पक्ष
वहीं, अदालत में चौटाला की तरफ से पेश हुए अधिवक्ता हर्ष कुमार शर्मा (Harsh Kumar Sharma) ने अपनी दलील दी कि चौटाला साल 1993-2006 के दौरान आय से अधिक संपत्ति हासिल करने के मामले में दोषी ठहराए गए हैं। चौटाला का स्वास्थ्य कुछ अच्छा नहीं है और वे 90 प्रतिशत तक दिव्यांग हो चुके हैं। वह खुद से अपने कपड़े भी नहीं पहन पाते हैं। हमेशा जांच में चौटाला ने सहयोग किया है। शिक्षक भर्ती मामले में सजा काटने के दौरान उनका व्यवहार जेल में सबके प्रति अच्छा रहा है। इतना ही नहीं 10वीं और 12वीं की परीक्षा भी उन्होंने जेल में ही पास की है। ऐसे में इन सभी तथ्यों को ध्यान में रखते हुए उनकी सजा को थोड़ा कम कर दिया जाए।

जानें क्या है मामला
दरअसल, साल 1993 और 2006 के बीच सात बार के विधायक रह चुके चौटाला ने आय से दोगुनी संपत्ति इकट्ठा की थी। इस मामले में साल 2006 में केस दर्ज किया गया था। साल 2019 में धनशोधन अधिनियम के तहत ईडी (ED) ने नई दिल्ली, पंचकूला और सिरसा में उनके फ्लैट और भूखंडों सहित 3.68 करोड़ रुपये की संपत्ति को अटैच कर दिया था।

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