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मकान मालिक और किरायेदार के बीच ना हो तू-तू मैं-मैं, केंद्र सरकार ला रही ये कानून

मकान मालिक और किरायेदार के बीच ना हो तू-तू मैं-मैं, केंद्र सरकार ला रही ये कानून

 

केंद्र सरकार जल्द ही एक नया कानून लेकर आ रही है, जिसके जरिए मकान मालिक और किरायेदारों के हितों की रक्षा होगी। इस कानून का ड्राफ्ट बनकर तैयार हो गया है, जिसके लिए आम लोगों से भी सुझाव मांगे गए हैं। ड्राफ्ट के तहत मकान मालिक किराये की अवधि के दौरान अपनी मर्जी से किराया नहीं बढ़ा सकेंगे। देश भर में मकान मालिक और किरायेदारों के बीच विवाद बढ़ते जा रहे हैं। इन विवादों में कमी लाने के लिए सरकार कानून लेकर के आ रही है। इस बात की घोषणा खुद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 5 जुलाई को अपने बजट भाषण में की थी।

इस ड्राफ्ट में किरायेदारों के लिए कई हितों को सुरक्षित करने का प्रावधान किया गया है। अब कोई भी किरायेदार घर लेने पर 2 महीने से ज्यादा की सिक्युरिटी एडवांस के तौर पर नहीं देगा। इसके अलावा किराये की अवधि के बीच मकान मालिक किराया नहीं बढ़ा सकेंगे। मकान मालिकों को किराये में किसी तरह का बदलाव करने के लिए 3 महीने पहले नोटिस देना होगा। कोई विवाद होने पर मकान मालिक किराएदार की बिजली और पानी आपूर्ति जैसी जरूरी सुविधाएं बंद नहीं करेगा।

इस ड्राफ्ट में किरायेदारों के अलावा मकान मालिकों के लिए भी कई हित शामिल किए गए हैं। ड्राफ्ट में कहा गया है कि यदि कोई किराएदार तय समय से ज्यादा मकान में रहता है तो उसे पहले 2 महीने के लिए दोगुना किराया देना होगा। यदि वह 2 महीने से ज्यादा समय तक रहता है तो उसे 4 गुना किराया देना होगा। किरायेदार द्वारा घर खाली करने के बाद मकान मालिक अपनी लेनदारी काटने के बाद सिक्युरिटी मनी को वापस कर देगा।

ड्राफ्ट कानून में रेरा जैसी अथॉरिटी बनाने की भी सिफारिश की गई है। यह किराया अथॉरिटी विवादों का निपटारा करेगी। किरायेदार और मकान मालिक दोनों को रेंट एग्रीमेंट बनने के बाद इसको अथॉरिटी में जमा करना होगा। अग्रीमेंट में मासिक किराया, अवधि, मकान में आंशिक रिपेयर, बिलों का भुगतान जैसे का जिक्र होगा। विवाद होने पर कोई भी पक्ष अथॉरिटी के पास जा सकता है। किराएदार अगर लगातार दो महीने तक किराया नहीं देता है तो मकान मालिक रेंट अथॉरिटी की शरण ले सकता है।


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