भारत का बासमती राइस एक्सपोर्ट यानी बासमती चावल का निर्यात पिछले साल के मुकाबले 20 फीसदी घट गया है। 2021 में यह चार साल के सबसे निचले स्तर पर था। इसकी कारण यह है कि भारतीय बासमती के सबसे बड़े खरीदार देश ईरान (Iran) ने अपना रुपये रिजर्व कम होने के बाद खरीद को घटा दिया है। यह बात सरकार और इंडस्ट्री ऑफिशियल्स द्वारा कही गई है।
बीते वर्ष 26% घटा था ईरान का शिपमेंट
साल 2021 में भारत का बासमती राइस एक्सपोर्ट एक साल पहले के मुकाबले 20 प्रतिशत घटकर सिर्फ 40 टन रह गया है। जोकि 2017 के बाद सबसे कम माना जा रहा है। यह जानकारी सरकारी डेटा से मिली है। डेटा के मुताबिक भारतीय बारमती राइस के सबसे बड़े खरीदार देश ईरान का शिपमेंट एक वर्ष पहले से करीब 26 प्रतिशत घटकर 8 लाख 34 हजार 4 सौ 58 टन रह गया है। बता दें कि भारत, दुनिया का सबसे बड़ा राइस एक्सपोर्टर है। जो मुख्य तौर से अफ्रीकी देशों को नॉन-बासमती राइस निर्यात करता है। वहीं यह प्रीमियम बासमती राइस का एक्पोर्ट मध्य ईस्ट को करता है।
कई महीने तक ऐक्टिव नहीं रहा ईरान
एक ग्लोबल ट्रेडिंग हाउस के साथ काम करने वाले मुंबई के डीलर के अनुसार, ‘भारतीय बैंकों के साथ ईरान का रुपये का रिजर्व घटने के बाद वह पिछले साल कुछ महीनों के लिए मार्केट में सक्रिय (Active) नहीं था।’ मालूम हो कि पहले ईरान भारत को रुपये के बदले ऑयल बेचता था। जिसका इस्तेमाल वह एग्रीकल्चर कमोडिटीज (Agriculture Commodities) समेत क्रिटिकल गुड्स (Critical Goods) इंपोर्ट करने में किया करता था। हालांकि, भारत ने ईरान से साल 2019 में ऑयल खरीदना बंद कर दिया था।
बता दें कि अब ईरान ने भारत से रुपये का इस्तेमाल करते हुए सामान खरीदना जारी रखा है, लेकिन बिना क्रूड सेल्स के ईरान का रुपये का रिजर्ब लगातार घटाता ही जा रहा है। इस पर ऑल इंडिया राइस एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन (AIREA) के पूर्व प्रेसिडें विजय सेतिया का कहना है कि '2021 के मध्य में निर्यात सुस्त पड़ गया था, लेकिन आखिरी दो-तीन महीनों में ईरान, साउदी अरब (Saudi Arabia) और दूसरे प्रमुख बायर्स की तरफ से खरीदारी में बढ़ोत्तरी हुई है।’
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