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दिल्ली में कल से 45 दिन बंद रहेंगी शराब की प्राइवेट दुकानें, क्या हैं नए नियम

दिल्ली में कल से 45 दिन बंद रहेंगी शराब की प्राइवेट दुकानें, क्या हैं नए नियम

 

दिल्ली में शराब के शौकीनों के लिए बुरी खबर आई है। यहां प्राइवेट शराब की दुकानें कल से डेढ़ महीने बंद रहेंगी जोकि कुल शराब दुकानों की करीब 40 फीसदी हैं। दिल्ली सरकार की नयी आबकारी नीति के तहत 266 निजी शराब की दुकानों सहित सभी 850 शराब की दुकानें खुली निविदा के जरिए निजी कंपनियों को दे दी गई हैं। नए लाइसेंस धारक शहर में शराब की खुदरा बिक्री 17 नवंबर से शुरू करेंगे। हालांकि, इस दौरान शराब की खुदरा बिक्री के लिए सरकारी शराब की दुकानें खुली रहेंगी। ये सरकारी दुकानें 16 नवंबर को बंद हो जाएंगी। आबकारी विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि सरकारी शराब की दुकानों को मांग में इजाफा होने की संभावना के मद्देनजर पर्याप्त भंडारण सुनिश्चित करने को कहा गया है।

शराब माफिया इस मौके का उठा सकते पूरा फायदा

दिल्‍ली में शराब की कमी को देखते हुए आबकारी विभाग सर्तक है। इस बारे में आबकारी विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि सरकारी शराब की दुकानों को मांग में इजाफा होने की संभावना के मद्देनजर पर्याप्त भंडारण सुनिश्चित करने को कहा गया है। दिल्‍ली में प्राइवेट दुकानों को 1 अक्‍टूबर से बंद करने का फैसला ले लिया गया है लेकिन दिल्ली की शराब की जरूरत को कैसे पूरा किया जाएगा, इसकी कोई तैयारी नहीं की है।

 1. नई नीति का उद्देश्य ग्राहक के अनुभव में सुधार, शराब माफिया की सफाई और चोरी को समाप्त करके राष्ट्रीय राजधानी में शराब के कारोबार में सुधार करना है।

2. नई नीति के तहत, दिल्ली सरकार शहर भर में शराब की दुकानों को 32 क्षेत्रों में विभाजित करके समान वितरण सुनिश्चित करना चाहती है।

3. 8-10 वार्डों वाले वाले हर जोन में लगभग 27 शराब की दुकानें होंगी। फिलहाल कुछ वार्डों में 10 से अधिक शराब की दुकानें हैं और कई में एक भी नहीं है। इस कदम से सरकार खुदरा शराब कारोबार से किनारा कर रही है।

4. 17 नवंबर से खुदरा विक्रेता एमआरपी दरों पर बेचने के बजाय प्रतिस्पर्धी माहौल में शराब का बिक्री मूल्य तय करने के लिए स्वतंत्र होंगे।

5. MRP का निर्धारण आबकारी आयुक्त एक मैथेमेटिकल फ़ॉर्मूले और परामर्श के आधार पर करेंगे। हालांकि असल बिक्री मूल्य बाजार प्रतिस्पर्धा के आधार पर खुदरा व्यापारी तय कर सकेंगे।

6. नई आबकारी नीति के तहत दिल्ली सरकार को शराब की दुकानों की बोली से लगभग ₹10,000 करोड़ का राजस्व मिलने की उम्मीद है।

7. दिल्ली सरकार ने कहा है कि शराब बेचने या परोसने की उम्र पड़ोसी राज्यों जैसी ही होनी चाहिए, जहां शराब पीने की कानूनी उम्र पहले से ही 21 साल है। दिल्ली में ये फिलहाल 25 साल है।

8. शराब की हर दुकान अब वॉक-इन होगी और अब उसी के अनुसार डिजाइन किया जाएगा। दुकानों को वातानुकूलित और अच्छी रोशनी वाला होना चाहिए। प्रत्येक दुकान में दुकान के अंदर और बाहर सीसीटीवी कैमरे लगे होंगे और रिकॉर्डिंग कम से कम एक महीने तक रखी जाएगी।

9. होटल, क्लब और रेस्तरां के लिए नई नीति: बार लाइसेंस प्रदान करने से पहले कई लाइसेंस प्राप्त करने की आवश्यकता को समाप्त किया जा सकता है। इसके बजाय, बार लाइसेंस प्राप्त करने के लिए फायर एनओसी एकमात्र अनिवार्य आवश्यकता हो सकती है। लाइसेंस प्राप्त परिसर के भीतर किसी भी क्षेत्र में किसी भी भारतीय शराब और विदेशी शराब परोसने की अनुमति इस शर्त के साथ दी जाएगी कि शराब परोसने वाले क्षेत्र को सार्वजनिक न रखा जाए।

10. बैंक्वेट हॉल, पार्टी-प्लेस, फार्म हाउस, मोटल के लिए एल-38 के रूप में नया लाइसेंस: फिलहाल ऐसे स्थान पर पार्टियों और आयोजित समारोहों के लिए P-10, P-10A, P-11 और P-13 के रूप में अस्थायी लाइसेंस प्राप्त करना आवश्यक है। हालांकि, एल-38 एस के रूप में नया लाइसेंस 5 लाख से 15 लाख तक के एकमुश्त वार्षिक शुल्क के भुगतान पर उनके परिसर में आयोजित सभी पार्टियों में भारतीय और विदेशी शराब परोसने की अनुमति के साथ आवश्यक होगा। एक बार वार्षिक लाइसेंस प्राप्त हो जाने के बाद इन स्थानों पर आयोजित होने वाले किसी भी कार्यक्रम में अलग से पी-10 लाइसेंस की आवश्यकता नहीं होगी।

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