आज से ठीक पांच साल पहले 8 नवंबर 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 500 और 1000 रुपये के नोटों को चलन से बाहर कर देने का फैसला किया था। नोटबंदी होने के बाद सभी लोगों ने अपने 500 और 1000 रुपये के नोटों की जगह नए नोट लिए। अब 500 और 1000 की जगह नए तरह का 500 और 2000 का नोट चलन में है। लेकिन, क्या आपको पता है कि 500 और 1000 रुपये के नोट का हुआ क्या?
दरअसल, आरबीआई ने लोगों से 15.28 लाख करोड़ रुपये के 500 और 1000 के नोट जमा किए थे और उसके बदले नए नोट जारी किए थे। तो ऐसे में आपके लिए यह जानना बहुत जरूरी है कि आखिर 15 लाख करोड़ से भी ज्यादा के अमाउंट का आखिर क्या हुआ और अभी वो नोट कहां हैं?
बता दें कि RBI ने 30 जून 2017 को जारी किए अपने प्रारंभिक आकलन में पुराने 500 और 1,000 रुपये के नोटों का कुल मूल्य 15.28 लाख करोड़ रुपये बताया था। ‘सूचना का अधिकार’ के तहत यह सवाल पूछे गया था तो इसके जवाब में पता चला कि इन नोटों का विघटन कर दिया जाता है। ये नोट वापस बाजार में नहीं लाए जाते हैं। यानी इन नोटों को काट दिया जाता है और अलग सामान बनाने में इसका इस्तेमाल होता है।
आरबीआई के नियमों के अनुसार, इन नोटों की वेरिफिकेशन एंड प्रोसेसिंग सिस्टम के बाद उनका ब्रिकेट सिस्टम के जरिए ब्रिक्स तैयार किया जाएगा। आरबीआई के मुताबिक पुराने नोटों को Currency Verification Processing System (CVPS) तरीके से विघटन किया जाता है। पहले चरण में यह देखा जाता है कि करेंसी नष्ट करने के लायक हैं या नहीं। फिर दूसरे चरण में श्रेडिंग ब्रिकेट सिस्टम के जरिए नोटों को मशीन की मदद से महीन कतरनों में बदला जाता है। इन कतरनों को फिर से कम्प्रेस कर ब्रिक्स की शेप दी जाती है।
बताया जाता है कि पुराने नोटों की खास बात ये है कि ये ना तो पानी में गलते हैं और ना ही इनके कलर छोड़ने की कोई दिक्कत है, ऐसे में इससे कई तरह की चीजें आसानी से बनाई जा रही है। हालांकि, आरबीआई इन नोटों का रीसाइकिल करने का काम नहीं करता है, बैंक इनका निस्तारण करता है।
यह भी पढ़ें- जानें क्या है Paytm IPO और कैसे लगाएं पैसे ? घर बैठे करें निवेश