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Haryana Sarkar:3 विधायकों का कांग्रेस को समर्थन के बाद भी नहीं गिरेगी सरकार, समझें सियासी समीकरण

Haryana Sarkar:3 विधायकों का कांग्रेस को समर्थन के बाद भी नहीं गिरेगी सरकार, समझें सियासी समीकरण

 

Haryana Congress: हरियाणा की राजनीति में मंगलवार को एक एक बार फिर से सियासी पारा हाई हो गया, जब तीन निर्दलीय विधायक (विधायक दादरी से सोमबीर सांगवान, पूंडरी से रणधीर गोलन और नीलोखेड़ी से धर्मपाल गोंधर) रोहतक पहुंचे और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र हुड्डा और कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष उदयभान की मौजूदगी में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सरकार से समर्थन वापस लेने की बात कहीं। 

सरकार के बजाए उन्होंने लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को समर्थन देने का ऐलान किया है। जिसके बाद सरकार अल्पमत में आ गई। तीन निर्दलीय विधायकों की समर्थन वापसी के साथ ही प्रदेश सरकार के राजनीतिक समीकरण बिगड़ गए।  लेकिन इसके बावजूद हरियाणा सरकार पूरी तरह से सुरक्षित मानी जा रही है।

समझें सियासी समीकरण

मौजूदा विधानसभा : 88 सदस्य
बहुमत का आंकड़ा : 45 सदस्य
सरकार के साथ : 43 विधायक
बहुमत के लिए कमी : 2 विधायकों की कमी

हरियाणा सरकार इसलिए सुरक्षित है क्योंकि मौजूदा समय में बीजेपी के पास अपने 40 विधायक हैं और दो निर्दलीय और एक HLP का विधायक बीजेपी के साथ हैं। केवल 2 विधायकों की कमी है। इसके लिए पार्टी JJP बागी विधायकों से उम्मीद की जा सकती है। 

विपक्ष नहीं ला सकता अविश्वास प्रस्ताव

गोरतलब है कि नायब सैनी से इसी साल 12 मार्च को पूर्व मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया था और शाम को नए मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को इस पद की शपथ दिलाई गई थी। इसके बाद 13 मार्च को विधानसभा में फ्लोर टेस्ट हुआ था, जिसमें सैनी सरकार ने अपना बहुमत साबित किया। नियम कहता है कि दो फ्लोर टेस्ट के बीच कम से कम छह महीने का अंतर होना जरूरी है। ऐसे में विपक्ष सितंबर 2024 तक अविश्वास प्रस्ताव नहीं ला सकती है। वहीं इसी साल अक्टूबर-नवंबर में हरियाणा में विधानसभा चुनाव भी होने हैं। ऐसे में अल्पमत में सरकार होने के बावजूद बीजेपी की सरकार सुरक्षित है। 

वहीं दूसरी तरफ बता दें कि पूर्व मुख्मयंत्री मनोहर लाल के इस्तीफा देने से पहले 22 फरवरी 2024 को कांग्रेस बीजेपी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लेकर आई थी। 22 फरवरी के बाद से अगले छह महीने तक नायब सिंह सैनी की सरकार के खिलाफ कोई अविश्वास प्रस्ताव नहीं लाया जा सकता। इस हिसाब से अल्पमत में होने के बावजूद सरकार को 22 अगस्त तक कोई खतरा नहीं है।

प्रदेश सरकार अल्पमत में नहीं : प्रवीन आत्रेय

मुख्यमंत्री के मीडिया सचिव प्रवीन आत्रेय ने कहा कि प्रदेश सरकार अल्पमत में नहीं है। आज भी सरकार के पास 47 विधायकों का समर्थन है। इनमें भाजपा के 40 विधायक, 2 निर्दलीय राकेश दौलताबाद और नयनपाल रावत व हलोपा के विधायक गोपाल कांडा सरकार के साथ हैं। इनके अलावा जजपा के नारनौंद से विधायक रामकुमार गौतम, नरवाना विधायक रामनिवास सुरजाखेड़ा, टोहाना से विधायक देवेंद्र बबली और जोगीराम सिहाग का भी सरकार को समर्थन है। वैसे भी कानूनन सरकार के विरुद्ध छह महीन तक अविश्वास प्रस्ताव नहीं लाया जा सकता, क्योंकि मार्च में कांग्रेस अविश्वास प्रस्ताव लाकर मुंह की खा चुकी है। कांग्रेस केवल लोगों को भ्रमित करने की कोशिश कर रही है, लेकिन जनता हकीकत जानती है।


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