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केरल में स्थित दुनिया की सबसे ऊंची ‘पक्षी मूर्ति’,200 फीट लंबी और 65 फीट ऊंची

केरल में स्थित दुनिया की सबसे ऊंची ‘पक्षी मूर्ति’,200 फीट लंबी और 65 फीट ऊंची

 

भारत में ऐसे बहुत से पर्यटन स्थल हैं जिन्हें देखने के लिए लोग विदेशों से हमारे देश में आते हैं जैसे लाल किला, ताज महल। ये स्मारक भारत का इतिहास और सांस्कृतिक धरोहर को समेटे हुए हैं। इसके साथ ही इन स्मारकों की नक्काशी कला-कृति के लिए सुंदर नमुना पेश करता है। भारत में ऐसे ही कई स्मारक हैं जो अपनी कला-कृति और सांस्कृतिक धरोहर के लिए जाने जाते हैं। आज हम आपको इस लेख के माध्यम से भारत के केरल के कोल्लकम में बने जटायु पार्क में ले चलते हैं। जहां  इस पार्क में दुनिया की सबसे बड़ी ‘पक्षी मूर्ति’ बनी हुई है। खास बात यह है कि दुनिया की इस सबसे बड़ी ‘पक्षी मूर्ति’ का रामायण से भी संबंध है।

200 फीट लंबी और 65 फीट ऊंची है ये मूर्ति
केरल के कोल्लम जिले से 38 किमी की दूरी पर भारत के महान पक्षी जटायू का सबसे बड़ा स्मारक ‘जटायु अर्थ सेंटर’ बना है। इस मूर्ति की ऊंचाई 65 फीट है, जो 15 हजार स्कावयर फिट में बनी है। जटायू की मूर्ति की लंबाई की बात करें तो 200 फिट है और इसकी चौड़ाई 70 फिट। पक्षीराज जटायू की मूर्ति पहाड़ के ऊपर है और मूर्ति के नीचे एक म्यूजियम भी बनाया हुआ है। इस म्यूजियम में जटायू के जीवन से जुड़ी कहानियों के बारे में बताया गया है। 

रामायण से है संबंध
धार्मिक महाकाव्य रामायण की हमारे देश में बहुत मान्यता है। इस महाकाव्य में बताए गए स्थानों को धार्मिक स्थलों का दर्जा प्राप्त है। श्रीराम की गाथा रामायण में एक पात्र ऐसा भी था जिसकी वीरता को श्रीराम ने भी नमन किया। ये थे पक्षीराज जटायु, महाकाव्य के अनुसार माता सीता को बचाने के लिए एक लड़ाई में जटायु की मृत्यु हो गई थी। जब रावण उन्हें अपहरण करके ले जा रहा था। जटायु ने बहादुरी से लड़ाई लड़ी लेकिन मात सीता को बचाने में नाकाम रहे और गंभीर रूप से घायल हालत में यहां चट्टानों पर गिर गए।

पक्षीराज जटायु की इस विशाल मूर्ति को बनाने में 7 साल की मेहनत लगी है। इस मूर्ति में कंक्रीट के ढांचे को स्टोन फिनिश दिया गया है। इस स्थान के ऊंचाई पर होने के कारण इस मूर्ति को बनाने में काफी मुश्किलें आई थीं क्योंकि सभी सामग्रियों को इतनी ऊंचाई तक ले जाना एक मुश्किल काम था।


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