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कैलाश छोड़ काशी में क्यों बसे महादेव? जानिए क्या है इसके पीछे की पौराणिक कथा!

कैलाश छोड़ काशी में क्यों बसे महादेव? जानिए क्या है इसके पीछे की पौराणिक कथा!

 

Kashi History: हिंदू धर्म में, काशी को सिर्फ़ एक शहर नहीं, बल्कि आस्था, भावना और मोक्ष का द्वार माना जाता है। कहा जाता है कि यह शहर समय जितना ही पुराना है। इसीलिए इसे आनंदवन और मोक्ष नगरी भी कहा जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, काशी भगवान शिव का प्रिय निवास स्थान है। आज भी भगवान शिव देवी पार्वती के साथ यहीं निवास करते हैं। वेदों, उपनिषदों, पुराणों और ज्योतिष ग्रंथों में काशी को मोक्ष की भूमि और शिव के स्वरूप को धारण करने वाला शहर बताया गया है। काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग को आदि-ज्योतिर्लिंग माना जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि भगवान शिव, देवी पार्वती के साथ पूरे ब्रह्मांड को छोड़कर काशी में क्यों बस गए? आइए जानते हैं इसके पीछे की पौराणिक कहानी...

काशी को ऐसे बनाया अपना घर

पौराणिक कथा के अनुसार, जब भगवान शिव ने देवी पार्वती से विवाह किया, तो वे उन्हें कैलाश पर्वत पर ले गए। कुछ समय तक सब ठीक रहा, लेकिन फिर पार्वती को लगा कि शादी के बाद भी वह अपने पिता के घर में ही रह रही हैं। एक दिन उन्होंने भगवान शिव से कहा कि हर स्त्री शादी के बाद अपने पति के घर जाती है, लेकिन वह अभी भी अपने पिता के घर में रह रही हैं। यह सुनकर भगवान शिव उन्हें पृथ्वी पर लाए और गंगा नदी के किनारे स्थित पवित्र स्थान काशी को अपना घर बनाया।

ज्योतिर्लिंग के रूप में भगवान शिव का निवास

काशी में काशी विश्वनाथ मंदिर में भगवान शिव स्वयं विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग के रूप में विराजमान हैं। यह मंदिर न केवल भक्तों की आस्था का केंद्र है, बल्कि सनातन धर्म और आध्यात्मिकता का अद्भुत संगम भी है। ऐसा माना जाता है कि जो भक्त सच्चे मन से भगवान विश्वनाथ की पूजा करता है, वह अपने सभी पापों से मुक्त हो जाता है और उसके जीवन में शांति और समृद्धि आती है।

काशी में मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति

कहा जाता है कि जो व्यक्ति रोज़ भगवान विश्वनाथ की पूजा करता है, उसके जीवन यात्रा की सारी ज़िम्मेदारियाँ भगवान शिव स्वयं उठा लेते हैं। भक्त के दुखों, कष्टों और पीड़ाओं को दूर करके शिव उसे मोक्ष का मार्ग प्रदान करते हैं। इसीलिए काशी को मोक्ष नगरी भी कहा जाता है। काशी की गलियों, घाटों और मंदिरों में जीवन और मृत्यु का एक अनोखा संगम देखने को मिलता है। लोग अपने आखिरी पल बिताने के लिए काशी आते हैं। ऐसा माना जाता है कि जो व्यक्ति काशी में मरता है, उसे मरने के बाद मोक्ष मिलता है।


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