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अन्यायपूर्ण आवंटन पर तीन साल की सजा, 17 हजार का लगा जुर्माना

अन्यायपूर्ण आवंटन पर तीन साल की सजा, 17 हजार का लगा जुर्माना

सिरसा: साल 1995 में सिरसा शहर में ऑटों मार्केट की शुरूआत की गई थी. जिसमें योजना बनाई गई थी कि जनता अस्पताल रोड, आर्य समाज रोड और डबवाली रोड पर काम करने वाले ऑटो व्यवसायियों को ऑटो मार्केट में प्लॉट दिए जाएंगे.  जिसमें उस समय करीब 448 प्लॉटों के आवंटन में फर्जीवाड़ा सामने आया था. जिसमें नगर परिषद पर फर्जीवाड़ा के आरोप लगाए गए थे. दरअसल, नगर परिषद अधिकारियों ने प्लॉटों का आवंटन नियुक्त लोगों की बजाए गैर-ऑटो व्यवसायियों को भी प्लॉट आवंटित कर दिए गए. कारीगर और ऑटो का बिजनेस करने वाले आजतक ऑटो मार्केट में स्थानांतरित नहीं हो पाए. जिसके तहत अतिरिक्त जिला एवं सत्र जरनैल सिंह की अदालत ने नगर परिषद के पूर्व कार्यकारी अधिकारियों को मिली सजा सुनाई गई है. इस फर्जीवाड़े में नगर निगम परिषद के पूर्व एसडीएम बीबी कौशिक के साथ अकाउंटेंट सतपाल चावला, कलर्क नेकीराम बिश्नोई के नाम शामिल है. इसके अलावा न्यायलय के आदेश है कि इन अधिकारियों के अलावा भी जो लोग इस फर्जीवाड़े में शामिल है, उन पर भी कार्यवाही की जाएगी. आपको बता दे कि न्यायलय जज ने इन अधिकारियों पर छल करना और बेईमानी से बहुमूल्य वस्तु / संपत्ति देने पर आईपीसी के तहत सेक्शन 420, 467, 476,120बी की धारा लगाई गई है. जिसमें की इन अपराधियों को तीन साल के कारावास की सजा सुनाई गई है. विजिलेंस जांच में पूरे फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ था.अदालत ने अन्यायपूर्ण बंटवारे के तहत तीन साल की सजा के साथ 17 हजार का जुर्माना भी लगाया गया हैं.

जब जनता टीवी के रिपोर्टर ने एडीए पीआर शर्मा से इस मामले पर संज्ञान लिया तो उन्होनें कहा कि नगर निगम को कुछ दूकानें उनके मालिकों को सोपनी थी और कुछ दूकानें ऑपश्नल देनी थी. इन अधिकारियों ने सरकार को नुकसान किया हैं. न्यायलय जज ने इन अधिकारियों पर छल करना और बेईमानी से बहुमूल्य वस्तु / संपत्ति देने पर आईपीसी के तहत सेक्शन 420, 467, 476,120बी की धारा लगाई गई है.


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