रूस ने हमला करके यूक्रेन के सैन्य ठिकानों को लगातार तबाह कर रहा है। लेकिन यूक्रेन का रूस को जवाब देना भारी पड़ रहा है। यूक्रेन पहले से उम्मीद लगाए बैठा था कि अगर रूस हमला करता है तो नाटो देश उसका साथ जरूर देंगे लेकिन ऐसा हुआ नहीं।
लेकिन क्या आप जानते हैं कि किसी समय यूक्रेन दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी परमाणु शक्ति था। लेकिन उसने खुद ही एक-एक कर अपने हथियारों को नष्ट कर दिया। जिसको लेकर यूक्रेन को आज पछतावा जरूर हो रहा होगा।
दरअसल दूसरे विश्व युद्ध के बाद शीत युद्ध शुरू हुआ था। यह मुख्य रूप से अमेरिका और सोवियत संघ (वर्तमान में रूस) के बीच था। उस समय का सोवियत संघ अमेरिका पर अपनी रणनीतिक बढ़त बनाना चाहता था। इसके लिए उसने अपने परमाणु हथियार यूक्रेन में तैनात किए। 1991 में जब सोवियत संघ का पतन हुआ तो शीत युद्ध पर भी विराम लग गया। 1 दिसंबर, 1991 को यूक्रेन को भी स्वतंत्रता मिली। यूक्रेन अलग हुआ तो वह दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी परमाणु शक्ति भी बन गया। रूस के एक तिहाई परमाणु हथियार यूक्रेन में थे जो वहीं रह गए।
फेडरेशन ऑफ अमेरिकन साइंटिस्ट्स (FAS) की रिपोर्ट बताती है कि यूक्रेन के पास परमाणु हथियारों का बड़ा जखीरा था। इसमें करीब 3,000 सामरिक परमाणु हथियार थे। ये हथियार बड़ी सैन्य सुविधाओं, नौसैनिक बेड़े और बख्तरबंद वाहनों को मारने के लिए थे। इसके अलावा 2,000 रणनीतिक परमाणु हथियार भी थे जो किसी भी शहर को तबाह करने के लिए काफी थे।
यूक्रेन के सांसद एलेक्सी ने इस बात पर खेद जताया कि देश ने पश्चिमी देशों से सुरक्षा गारंटी के तहत अपने परमाणु हथियार छोड़ दिए थे। 5 दिसंबर, 1994 को हंगरी की राजधानी बुडापेस्ट में यूक्रेन, बेलारूस और कजाखस्तान, रूस, ब्रिटेन और अमेरिका के नेताओं ने एक बैठक की थी। यूक्रेन, रूस, ब्रिटेन और अमेरिका के बीच व्यापक वार्ता के कारण बुडापेस्ट मेमोरेंडम नामक एक समझौता हुआ।
समझौते के अनुसार, यूक्रेन अपने परमाणु शस्त्रागार और डिलीवरी सिस्टम जैसे बमवर्षक और मिसाइलों को पश्चिम देशों से वित्तीय सहायता से नष्ट करने के लिए सहमत हुआ। एलेक्सी ने फॉक्स न्यूज से बात करते हुए कहा, "यूक्रेन मानव इतिहास में एकमात्र राष्ट्र है जिसने 1994 में अमेरिका, ब्रिटेन और रूसी संघ से सुरक्षा गारंटी के बाद दुनिया में तीसरा सबसे बड़ा परमाणु हथियार त्याग दिए थे। उन्होंने सवाल उठाया कि ये गारंटी अब कहां हैं? अब हम पर बमबारी हो रही, हम मारे जा रहे हैं।”
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