Haryana:देश के कई राज्यों में भारी बरसात के कारण लोगों को बाढ़ की समस्या के सामना करना पड़ रहा है। ऐसा ही एक राज्य हरियाणा है जिसमें बाढ़ के कारण कई तरह के नुकसान हुए है। इन्हीं नुकसान के मद्देनजर हरियाणा सरकार बाढ़ के कारण मकानों, फसलों, पशुपालकों और जनहानि झेलने वालों की मदद के लिए आगे आई है। उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि घर के नुकसान की भरपाई के लिए बाढ़ पीड़ितों को 1.20 लाख रुपये तक की मदद दी जाएगी। वहीं बाढ़ के कारण जान गंवाने वालों के पीड़ित परिवारों को चार लाख रुपये मुआवजा मिलेगा।
बाढ़ की स्थिति का जायजा लेने के बाद, आज चंडीगढ़ में 'राजस्व एवम आपदा विभाग' तथा 'लोक निर्माण विभाग' के अधिकारियों के साथ बैठक कर जल्द से जल्द एस्टीमेट बनाकर सड़कों को ठीक करने और प्रभावितों को आर्थिक मदद देने के निर्देश दिए। pic.twitter.com/HDpaffSR8I
— Dushyant Chautala (@Dchautala) July 17, 2023
उप मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को आदेश दिया कि मृतकों के परिवार के सदस्यों के बैंक खाते में मुआवजा राशि भेज दिया जाए। इसके अलावा उप मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि फसलों के नुकसान का मुआवजा आकलन पूरा होने के बाद दिया जाएगा। जहां सौ प्रतिशत फसलों के नुकसान की रिपोर्ट आएगी, वहां तुरंत किसानों के खातों में 15 हजार रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से मुआवजा दिया जाएगा। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार केंद्र से बाढ़ग्रस्त राज्यों के अनुरूप राहत मांगेगी। इसके लिए जल्द केंद्र को प्रस्ताव भेजा जाएगा।
इसके बाद दुष्यंत चौटाला ने पशुपालकों को हुए नुकसान की भरपाई के लिए भी आश्वाशन दिया और कहा कि दुधारू पशु और बिना दुधारू पशुओं की श्रेणी बनाई गई है। जिला उपायुक्त इसकी रिपोर्ट तैयार करके भेजेंगे। इसके बाद पशुपालकों की भी मुआवजा राशि घोषित की जाएगी।
बता दें कि उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने सोमवार को राजस्व एवं आपदा और लोक निर्माण विभाग की बैठक ली और बाढ़ से हुए नुकसान व लोगों की मदद करने पर विचार-विमर्श किया। इस दौरान उन्होंने मुआवजे को लेकर घोषणा की और आगे की कार्य प्रणाली पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि बाढ़ से अब तक प्रदेश में करीब 1350 गांव प्रभावित हुए हैं। यह संख्या और भी बढ़ सकती है, क्योंकि घग्गर नदी का जल स्तर अब भी ज्यादा है।
इसके साथ ही उन्होंने राज्य में चल रहे आपदा प्रबंधन कार्यों में भी जानकारी देते हुए बताया कि सिरसा जिले को अभी मॉनिटर किया जा रहा है। इसके अलावा टूटे बांधों को सही किया जा रहा है। अंबाला, करनाल, पानीपत, सोनीपत में बाढ़ का पानी करीब-करीब उतर चुका है। अंबाला में पीने के पानी की व्यवस्था प्राथमिकता से की जा रही है।