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व्यक्ति के बराबर की चप्पल, पहनने के लिए नहीं साज सज्जा के लिए है

व्यक्ति के बराबर की चप्पल, पहनने के लिए नहीं साज सज्जा के लिए है

 

वो कहते है ना "OLD IS GOLD", अरावली की हसीन वादियों में चल रहे 33वें अंतर्राष्ट्रीय सूरजकुंड मेले के 13 वें दिन में भी बड़ी चौपाल ने दर्शकों को अपनी ओर आकर्षित किया है. 33 वे अंतर्राष्ट्रीय सूरजकुंड मेले में महाराष्ट्र से चप्पल लेकर आये नेशनल अवार्डी क्राफ्टमैन की स्टाल, मेला देखने आए दर्शकों के लिए आकर्षण का केंद्र बिंदू बन गया. जहाँ 200 रूपये से लेकर 25 हजार रूपये की चप्पलें आकर्षण का केंद्र बनी हुई है. शिल्पकार की दुकान पर लटकी हुई करीब पांच फुट की चप्पल, मेला दर्शको के आकर्षण का बनी. जिसकी कीमत 25 हजार रूपये है. जिसे बनाने में कई महीने लग गए और जिसे भैंस के चमड़े से बनाया गया है.

स्टाल पर व्यक्ति के बराबर लटकी हुई दिखाई दे रही ये चप्पल किसी इंसान के पैर में पहनने वाली चप्पल नहीं है. ये चप्पल साज सज्जा के लिए लटकाने वाली चप्पल है. यह स्टाल महाराष्ट्र से आये नेशनल अवार्डी क्राफ्टमैन प्रकाश मणि की है जो प्रसिद्ध चप्पलें लेकर आये है. जहाँ 200 रूपये से लेकर 25 हजार रूपये तक की चप्पलें आकर्षण का केंद्र बनी हुई है. शीप , गोट  और लैदर से निर्मित हैंडमेड यह चप्पलें सभी लोगों को काफी पंसद आ रही है. लोग दिल खोलकर यहाँ से अपनी मन पसंद चप्पले खरीद रहे है. क्राफ्टमैन मोहनलाल ने बताया की इस क्राफ्ट को लेकर उन्हें नेशनल अवार्ड मिल चुका है. उन्होंने बताया की यह क्राफ्ट पीढ़ी दर पीढ़ी चलता आ रहा है.

उन्होंने बताया की उनके द्वारा करीब पांच फ़ीट की शोपीस के रूप में चप्पल भी बनाई हुई है, जिसकी कीमत 25 हजार रूपये है जिसका वजन करीब 12 किलो है. पिछले सालो में वह ऐसी कई चप्पलें बेच चुके है.

जूतियां खरीदने आए विदेशी नागरिक ने क्राफ्टमैन की जमकर तारीफ करते हुए कहा की यह मेले की ख़ूबसूरती है. उन्हें मेले आकर बहुत अच्छा लगा है.

 

 


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