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Taliban regime: बेटी की जान बचाने के लिए अफगानी महिला ने अपने नवजात को बेचा

Taliban regime: बेटी की जान बचाने के लिए अफगानी महिला ने अपने नवजात को बेचा

 

काबुल। अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे से बाद से लगातार हालात बिगड़ते जा रहे हैं। महिलाओं के लिए तो तालिबान शासन में जीना दुष्वार हो गया। लोगों का जीना यहां पर बिल्कुल भी आसान नहीं है। दो वक्त की रोटी के लिए भी यहां पर लोगों को जद्दोजहद करनी पड़ रही है। यहां पर विस्थापित हुई एक अफगानी महिला के पास अपनी बेटी के इलाज कराने तक लिए पैसे नहीं हैं। आर्थिक तंगी के चलते एक मां को अपनी बेटी के इलाज के लिए अपने नवजात को बेचने के लिए मजूबर होना पड़ा। बगलान प्रांत से काबुल में विस्थापित हुई इस महिला ने गरीबी के चलते अपने डेढ़ साल के बच्चे को 30,000 अफगानी (करेंसी) में बेच दिया।

टोलोन्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, उसने अपनी 13 वर्षीय बेटी के इलाज के लिए अपने डेढ़ साल के बच्चे को अफगानी को 30,000 में बेचा। काबुल में एक तंबू में रहने वाली लैलुमा ने कहा कि उसे अपना बच्चा बेचना पड़ा क्योंकि उसके पास कोई दूसरा विकल्प नहीं था। उसने यह भी कहा कि उसका पति पिछले साल से लापता है।

इस बीच, कई परिवार जो विस्थापित हो रहे हैं और अब काबुल में रह रहे हैं, उन्हें कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। टेंट में रहने वाले कई परिवारों का कहना है कि ठंड के मौसम में उनके बच्चे बीमार हो रहे हैं। विस्थापित परिवारों ने कहा कि उन्हें तालिबान के नेतृत्व वाले शरणार्थी मंत्रालय से कोई मदद नहीं मिली है।

टोलोन्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, तखर की एक विस्थापित महिला आयशा ने कहा, 'शरणार्थी मंत्रालय के लोग यहां आए और एक सर्वेक्षण किया, लेकिन उन्होंने अब तक कोई सहायता नहीं दी है। अगर यह स्थिति बनी रही तो हम भूख से मर जाएंगे।' बता दें कि अफगानिस्तान में अशरफ गनी सरकार के पतन और तालिबान के काबुल पर कब्जा करने के बाद से बड़ी संख्या में विस्थापित परिवार काबुल में तंबू में रह रहे हैं।

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