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Sunny Deol Birthday Special: सनी के गदर मचाने वाले डायलॉग, ये मज़दूर का हाथ है कात्या...

Sunny Deol Birthday Special: सनी के गदर मचाने वाले डायलॉग, ये मज़दूर का हाथ है कात्या...

 

बॉलीवुड एक्टर सनी देओल (Sunny Deol) आज (19 अक्टूबर) अपना 64वां जन्मदिन मना रहे हैं। सनी ने बॉलीवुड (Bollywood) में बेहतरीन डायलॉग्स (Dialogues) से अपनी एक अलग ही पहचान बनाई है। उनके डायलॉग बच्चों बच्चों की जुबान पर चढ़े रहते हैं। सनी देओल ने फिल्म 'बेताब' से बॉलीवुड में कदम रखा। इस फिल्म ने सनी देओल को रातों रात स्टार बना दिया था। इस फिल्म में अमृता सिंह के साथ सनी देओल की जोड़ी को लोगों ने बेहद पसंद किया था। सनी देओल ने नब्बे के दशक में बैक-टू-बैक कई हिट फिल्में दी। जिसमें त्रिदेव, अर्जुन, जिद्दी, डकैत, लुटेरे, जीत, घातक, बॉर्डर और घायल जैसी फिल्में शामिल हैं।

बता दें कि अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) के बाद सनी देओल को एंग्री यंग मैन का खिताब मिला हैं। सनी ने अपने डायलॉग से हर बार दर्शकों का दिल जीता है। दामिनी का तारीख पर तारीख और घातक का बलवंत राय जैसे अनेक डायलॉग लोगों को आज भी बेहद पसंद है। ऐसे में हम आपको सनी देओल के कुछ डायलॉग बताने जा रहे है। जो आज भी लोगों की जुबान पर है।

सनी देओल के कुछ डायलॉग (Some dialogues of Sunny Deol)
1. घायल -
जाओ बशीर खान जाओ, किसी नाटक कंपनी में भर्ती हो जाओ, बहुत तरक्की मिलेगी तुम्हे, अच्छी एक्टिंग कर लेते हो।
2. दामिनी - अगर अदालत में तूने कोई बदतमीजी की तो वहीं मारूंगा। जज ऑर्डर ऑर्डर करता रहेगा और तू पिटता रहेगा।
3. घातक - ये मज़दूर का हाथ है कात्या, लोहा पिघलाकर उसका आकार बदल देता है! ये ताकत खून-पसीने से कमाई हुई रोटी की है। मुझे किसी के टुकड़ों पर पलने की जरूरत नहीं।
* हलक में हाथ डालकर कलेजा खींच लूंगा.. उठा उठा के पटकूंगा! उठा उठा के पटकूंगा! चीर दूंगा, फाड़ दूंगा! 
* पिंजरे में आकर शेर भी कुत्ता बन जाता है कात्या। तू चाहता है मैं तेरे यहां कुत्ता बनकर रहूं। तू कहे तो काटूं, तू कहे तो भौंकू।
4. बॉर्डर - भैरों सिंह, आज मरने की बात की है, दोबारा मत करना। मरकर किसी ने लड़ाई नहीं जीती। लड़ाई जीती जाती है दुश्मन को खत्म करके।
5. ज़िद्दी - नहीं कुलकर्णी मैं तुमको यहां से जाने की इजाजत नहीं दे सकता। मैं यहां ऊंचाई पर बैठा जरूर हूं, मगर इस कोर्ट के फैसले नीचे बैठे ये लोग करते हैं।
6. गदर एक प्रेम कथा - अशरफ अली! आपका पाकिस्तान जिंदाबाद है, इससे हमें कोई ऐतराज नहीं लेकिन हमारा हिंदुस्तान जिंदाबाद है, जिंदाबाद था और जिंदाबाद रहेगा! 
* बाप बनकर बेटी को विदा कर दीजिए। इसी में सबकी भलाई है, वरना अगर आज ये जट बिगड़ गया तो सैकड़ों को ले मरेगा।
7. दामिनी -  तारीख पर तारीख, तारीख पर तारीख, तारीख पर तारीख, तारीख ही मिलती रही है लेकिन इंसाफ नहीं मिला। माई लॉर्ड इंसाफ नहीं मिला, मिली है तो सिर्फ यह तारीख।
*  जब ये ढाई किलो का हाथ किसी पर पड़ता है, तो आदमी उठता नहीं, उठ जाता है।
8.  जीत - इन हाथों ने सिर्फ हथियार छोड़े हैं, उन्हें चलाना नहीं भूले, अगर इस चौखट पर बारात आई तो डोली की जगह अर्थियां उठेंगी। लाशें बिछा दूंगा, लाशें।

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