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कोरोना महामारी के दौरान अनाथ हुए बच्चों को केंद्रीय विद्यालय में पढ़ाएगी हरियाणा सरकार

कोरोना महामारी के दौरान अनाथ हुए बच्चों को केंद्रीय विद्यालय में पढ़ाएगी हरियाणा सरकार

 

कोरोना महामारी (Corona) में अपने माता-पिता को खो चुके बच्चों के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए प्रदेश सरकार उन्हें केंद्रीय विद्यालयों में पढ़ाएगी। इतना ही नहीं ऐसे बच्चों के लिए मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना (CM Bal Seva Yojana) शुरू की गई है। इसके तहत अनाथ बच्चों को 18 वर्ष तक 2500 रुपये मासिक आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी, जिससे उनकी पढ़ाई प्रभावित न हो। ऐसे बच्चों के लिए प्रदेश सरकार ने बचत खाते खुलवाने का भी फैसला लिया है।

कस्तूरबा गांधी स्कूल में मिलेगी किशोरियों को शिक्षा
योजना के तहत बाल सेवा संस्थान में रहने वाले बच्चों के आवर्ती जमा खाते (Recurring Deposit Account) खोले जाएंगे, जिसमें 18 वर्ष की आयु तक 15 सौ रुपये जमा करवाए जाएंगे। इन बच्चों को सरकार ने अन्य खर्चों के लिए 12 हजार रुपये वार्षिक देने का भी फैसला लिया है। किशोरियों को कस्तूरबा गांधी बाल विद्यालय में निशुल्क स्कूली शिक्षा दी जाएगी और इसके अतिरिक्त किशोरियों के खाते में 51 हजार रुपये जमा किए जाएंगे तथा विवाह के समय ब्याज सहित शगुन भी दिया जाएगा।

इतने का होगा स्वास्थ्य बीमा
ऐसे सभी बच्चों को आयुष्मान भारत योजना (Ayushman Bharat Yojana) के तहत इन बच्चों का 5 लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा करवा दिया जाएगा। वहीं 18 वर्ष की आयु तक इन बच्चों के प्रीमियम की राशि का भुगतान पीएम केयर (PM Care) द्वारा किया जाएगा।  11 से 18 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए स्कूली शिक्षा के दौरान किसी भी आवासीय विद्यालय जैसे सैनिक स्कूल, नवोदय विद्यालय, इत्यादि में दाखिला, निजी स्कूल में दाखिले के लिए पीएम केयर से आरटीई के तहत फीस, वर्दी, पाठ्यक्रमों व नोटबुक की सुविधा दी जाएगी।

उच्च शिक्षा के लिए दस लाख रुपये
उन्होंने बताया कि 18 वर्ष की आयु से अगले पांच वर्षों तक उच्च शिक्षा की अवधि के दौरान मासिक वित्तीय सहायता/छात्रवृत्ति तथा 23 वर्ष की आयु पूरी करने पर बच्चे को व्यक्ति और व्यावसायिक उपयोग के लिए पीएम केयर्स की ओर से 10 लाख रुपये कोष से एकमुश्त राशि दी जाएगी। इसके लिए जिन बच्चों के माता पिता कोरोना महामारी के कारण गुजर चुके हैं, उन्हें जल्द से जल्द बच्चों के माता-पिता का ब्यौरा महिला एवं बाल विकास अधिकारी अथवा जिला बाल संरक्षण अधिकारी कार्यालय में जमा करवाना होगा।

 

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