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“अब नहीं चाहिए एक्स्ट्रा बैगेज” ; Sherlyn Chopra ने हटवाए ब्रेस्ट इम्प्लांट्स, बताया दर्दनाक अनुभव

“अब नहीं चाहिए एक्स्ट्रा बैगेज” ; Sherlyn Chopra ने हटवाए ब्रेस्ट इम्प्लांट्स, बताया दर्दनाक अनुभव

 


Breast Implants: भारतीय अभिनेत्री और मॉडल Sherlyn Chopra ने हाल ही में अपनी ब्रेस्ट इम्प्लांट्स (Breast Implants) हटवाने का फैसला किया। इसके बाद शर्लिन ने ब्रेस्ट इंप्लांट रिमूवल सर्जरी करवा ली है। उन्होंने सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया जिसमें उन्होंने यह बताया कि पिछले कुछ महीनों से उन्हें पीठ, गर्दन, कंधे, छाती और छाती के दबाव जैसी समस्याएं हो रही थीं। मेडिकल जांचों और विशेषज्ञों की सलाह के बाद उन्हें यह पता चला कि इन सभी तकलीफों की मुख्य वजह उनके भारी ब्रेस्ट इम्प्लांट्स थे। 

 नया जीवन शुरू करना चाहती हैं शर्लिन 

उन्होंने कहा कि अब वे “कोई एक्स्ट्रा बैगेज लेकर नहीं जीना चाहतीं” और इसलिए एक नया जीवन शुरू करना चाहती हैं। बता दें कि, ब्रेस्ट ओग्मेंटेशन ब्रेस्ट साइज यानी स्तन का आकार बढ़ाने की सर्जरी है जिसमें ब्रेस्ट टिशूज या छाती के नीचे ब्रेस्ट इंप्लांट्स लगाए जाते हैं। एक्टर और मॉडल शर्लिन चोपड़ा (Sherlyn Chopra) ने भी ब्रेस्ट इंप्लांट्स करवाए थे। लेकिन, हाल ही में शर्लिन ने ब्रेस्ट इंप्लांट रिमूवल सर्जरी करवा ली है यानी ब्रेस्ट इंप्लांट्स हटा लिए हैं। 

छाती और कंधों में दर्द होने लगा था

शर्लिन ने बताया कि ब्रेस्ट इंप्लांट्स करवाने के बाद उन्हें किन-किन दिक्कतों का सामना करना पड़ा और क्यों उन्हें आखिर में इन परेशानियों से निजात पाने के लिए ब्रेस्ट इंप्लांट रिमूवल सर्जरी करवानी पड़ी। ब्रेस्ट इंप्लांट्स को लेकर शर्लिन चोपड़ा ने बताया कि पिछले कुछ महीनों से उन्हें क्रोनिक बैक पेन, छाती में दर्द, गर्दन में दर्द और कंधों में दर्द रहने लगा था। इसके अलावा छाती में खासतौर से शर्लिन को दर्द (Chest Pain) होने लगा था। मेडिकल इंवेस्टिगेशंस और मेडिकल एक्सपर्ट्स और कंसल्टेंट्स के चक्कर काटने के बाद शर्लिन ने महसूस किया कि उनके हैवी ब्रेस्ट इंप्लांट्स के कारण उन्हें ये दिक्कतें हो रही हैं।


क्रॉनिक पीठ-गर्दन-कंधे-छाती का दर्द : मॉडल शर्लिन चोपड़ा ने अनुभव किया कि जब इम्प्लांट्स बहुत बड़े या भारी होते हैं, तो वे शरीर के संतुलन (posture) को बदल सकते हैं, रीढ़ की हड्डी, कंधों और मांसपेशियों पर दबाव डाल सकते हैं। 


छाती में दबाव और असहजता : इम्प्लांट्स के कारण छाती की मांसपेशियों, ऊतकों और त्वचा पर अतिरिक्त तनाव हो सकता है, जिससे सांस लेने में हल्की तकलीफ या “भराव” जैसा दबाव महसूस हो सकता है। 


सर्जरी-संबंधित जोखिम : इम्प्लांट लगाने या निकालने दोनों प्रक्रियाओं में सामान्य सर्जिकल जोखिम होते हैं जैसे खून आना (bleeding), संक्रमण (infection), एनेस्थेसिया से जुड़ी चुनौतियां। 


कॅप्स्युलर कॉन्ट्रैक्चर (Capsular Contracture) : शरीर इम्प्लांट के चारों ओर एक ऊतक (capsule) बनाता है; कभी-कभी यह ऊतक बहुत सख्त हो जाता है और दर्द या असुविधा कारण बनता है। 

लीकेज, इम्प्लांट फटना, असममितता (Rupture, Leakage, Asymmetry) : सिलीकोन या सलाइन इम्प्लांट्स में समय-समय पर खराबी हो सकती है, जो आगे स्वास्थ्य जोखिम बना सकती है। 

मानसिक व आत्म-स्वीकृति से जुड़ी चुनौतियां : इम्प्लांट्स या अन्य कॉस्मेटिक प्रक्रियाएँ आत्म-चिन्ता, बॉडी इमेज और स्वास्थ्य प्राथमिकताओं पर असर डाल सकती हैं।


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