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Sawan Shivratri: सावन की शिवरात्रि आज, जानें महत्व और पूजन विधि

Sawan Shivratri: सावन की शिवरात्रि आज, जानें महत्व और पूजन विधि

 

शिवरात्रि (Shivratri) पर भगवान का जलाभिषेक करने का बहुत महत्व है। मान्यताएं है कि इस दिन व्रत रखने से मनुष्य को शिवलोक की प्राप्ति होती है व पापों से मुक्ति भी मिलती है। भगवान शिव (Lord Shiva) अपने भक्तों की हर मनोकामनाएं पूरी करते है। आइए जानते हैं सावन की शिवरात्रि (Shivratri) का विशेष महत्व।

सावन की शिवरात्रि का महत्व 
सावन का सोमवार व शिवरात्रि का विशेष महत्व है। शिवरात्रि पर शिवलिंग का जलाभिषेक करने का बहुत महत्व है। समुंद्र मंथन के समय हलाहल विष को भगवान शिव (Bhagwan Shiv) ने अपने कंठ में रखा था। ताकि विष का कोई दुष्प्रभाव न पड़े। जिसके बाज देवताओं ने विष को शांत करने के लिए उनका जल व पंचामृत से अभिषेक किया था। इसलिये श्रावण माह में भगवान शिव  (Bhagwan Shiv)का जल व पंचामृत से अभिषेक किया जाता है। 

भगवान शिव को है बेहद प्रिय
शिवलिंग पर गंगाजल, दूध, दही, शहद, घी, चंदन, भांग, धतूरा, बेलपत्र, रूद्राक्ष व सफेद फूल चढ़ाने से भगवान प्रसन्न होते है। भोलेनाथ मनचाहा फल देते है। 

जलाभिषेक का शुभ समय
26 जुलाई की सुबह 5:44 बजे से 8:28 तक जलाभिषेक का शभ समय है। जबकि सांय 7:24 बजे से रात 9:28 बजे तक प्रदोष काल रहेगा।
 
इन मंत्रों का करें जाप
ऊं नमः शिवाय
ऊं तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्रः प्रचोदयात।
करचरणकृतं वाक् कायजं कर्मजं वा श्रवणनयनजं वा मानसंवापराधं ।
विहितं विहितं वा सर्व मेतत् क्षमस्व जय जय करुणाब्धे श्री महादेव शम्भो ॥

 

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