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हिमाचल में संस्कृत होगी दूसरी राजभाषा, सरकार ने राजभाषा संशोधन विधेयक को सदन में किया पारित

हिमाचल में संस्कृत होगी दूसरी राजभाषा, सरकार ने राजभाषा संशोधन विधेयक को सदन में किया पारित

 

हिमाचल प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र के 12वें दिन शनिवार को चार विधेयकों में से तीन विधेयक बिना चर्चा के पारित हुए, जबकि एक विधेयक पर खूब तकरार हुई. सरकार ने राजभाषा संशोधन विधेयक को भी सदन में पारित किया, जिसमें हिमाचल में अब संस्कृत दूसरी राजभाषा होगी. इसके बिल को विधानसभा की मंजूरी मिल गई है. इसके अतिरिक्त बेकार पड़े विधेयकों को विनियोग निरसन विधेयक के जरिए समाप्त किया गया. वहीं स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय विधेयक को भी सदन ने बिना चर्चा पारित किया. इसमें मेडिकल यूनिवर्सिटी में उपकुलपति की नियुक्ति के लिए अधिकतम आयु सीमा 65 वर्ष से बढ़ाकर 70 वर्ष करने का प्रस्ताव है.

इसके अतिरिक्त गौजातीय प्रजनन विधेयक पर सदन में चर्चा हुई, जिसमें विपक्ष ने शंका जाहिर की कि नस्ल सुधार के बहाने आउटसोर्सिंग को बढ़ावा देने और बाहर से कृत्रिम गर्भाधान करने की व्यवस्था को हटाने की कोशिश हो रही है. इस पर पशुपालन मंत्री वीरेंद्र कंवर ने स्पष्ट किया है कि सरकार की ऐसी कोई मंशा नहीं है, बल्कि सरकार चाहती है कि हिमाचल में गौवंश का नस्ल सुधार हो और उच्चतम मानकों का सीमन उपलब्ध. इस एक्ट के प्रावधानों का उल्लंघन करने वालों पर एक लाख से पांच लाख रुपए तक जुर्माना और 3 साल जेल की सजा का भी प्रावधान है.

शुक्रवार को प्रश्नकाल न होने के चलते शनिवार को कटौती प्रस्तावों पर चर्चा के लिए समय को दो घंटे बढ़ाया गया. पक्ष-विपक्ष की एक राय बनने के बाद सदन की कार्यवाही को पांच बजे की बजाय 7 बजे तक बढ़ाया गया. वहीं प्रश्नकाल के दौरान कई मुद्दे सदन में उठे. इनमें पीटीए शिक्षकों और पैट शिक्षकों का मुद्दा भी गूंजा, जिसमें सरकार ने कहा कि मानवीय आधार पर इन्हें नियमित शिक्षकों के बराबर सुविधाएं दी जाएंगी. सीपीआईएम विधायक राकेश सिंघा, कांग्रेस विधायक आशा कुमारी, विक्रमादित्य सिंह ने यह प्रश्न किया था. इसी तरह सरकार ने यह भी कहा कि सरकार पांचवीं और आठवीं की बोर्ड की परीक्षाएं भी करवाएगी.


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