दिल्ली की जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) एक बार फिर से चर्चा में है। इस बार चर्चा का कारण है वहां की कमेटी द्वारा जारी एक नोटिस है। जिसमें लड़कियों को सेक्सुअल हैरेसमेंट से बचने के लिए अपने पुरुष मित्रों के साथ दोस्ती को सीमा में बांधने की सलाह दी गई है। जेएनयू के इस नोटिस की जमकर निंदा हो रही है। इस पर अधिकतर स्टूडेंट्स का कहना है कि यहां जिन पर अत्याचार होता है उनसे से ही बचने के लिए कहा जा रहा है। यह यूनिवर्सिटी की अजीब सलाह है।
क्या है नोटिस में
यूनिवर्सिटी स्टूडेंट्स को हैरेसमेंट से बचाने के लिए काउंसलिंग सेशन ने लिखा कि, ‘इंटरनल कंप्लेंट्स कमेटी को ऐसी बहुत सी शिकायतें मिलती हैं जिसमें शोषण नजदीकी मित्र द्वारा किया जाता है। लड़के कई बार (कभी जानबूझकर तो कभी गलती से) दोस्ती में किए जाने वाले मजाक और सैक्सुअल हैरेसमेंट के बीच की महीन रेखा को पार कर जाते हैं। लड़कियों को भी ऐसे हैरेसमेंट को टालने के लिए अपने और पुरुष मित्रों के बीच एक मूर्त रेखा खींचनी चाहिए।’
विरोध की संभावना
जेएनयू के इस नोटिस का हर तरफ विरोध किया जा रहा है जिसमें लड़कियों से रेखा खींचने की बात की जा रही है ताकि वे हैरेसमेंट से बच सकें। बजाय पुरुष मित्रों को हैरेसमेंट न करने या सीमा रेखा पार न करने की सलाह देने के ये नोटिस महिलाओं को ही सतर्क रहने को कह रहा है। कमेटी की इस सलाह पर यूनिर्वसिटी के आम स्टूडेंट्स से लेकर स्टूडेंट एसोसिएसन की अध्यक्ष तक हर किसी ने एतराज जताया है।
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