म्यूचुअल फंड पर नकदी के दबाव को कम करने के लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने आज एक अहम फैसला लिया है। आरबीआई ने म्यूचुअल फंड के लिए 50 हजार करोड़ के विशेष नकदी सुविधा का ऐलान किया है। दरअसल, आरबीआई ने सोमवार को म्यूचुअल फंड्स के लिए एक विशेष ऋण योजना का ऐलान किया, जिसके तहत उन्हें 50,000 करोड़ रुपए का लोन उपलब्ध कराया जाएगा, ताकि उद्योग में तरलता का संकट न खड़ा हो।
रिजर्व बैंक ने एक बयान में कहा कि COVID-19 की वजह से पूंजी बाजारों में अस्थिरता बढ़ गई है। कोरोना महामरी ने म्यूचुअल फंड (MF) पर तरलता का दबाव डाला है। आरबीआई ने कहा, 'एमएफ पर तरलता दबाव को कम करने के उद्देश्य से, 50,000 करोड़ रुपये के म्यूचुअल फंड के लिए विशेष तरलता सुविधा देने का निर्णय लिया गया है।'
RBI Announces ₹ 50,000 crore Special Liquidity Facility for Mutual Funds (SLF-MF)https://t.co/Kq15TPFulr
— ReserveBankOfIndia (@RBI) April 27, 2020
इसके अलावा भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने भी जोर दिया कि वह COVID-19 के आर्थिक प्रभाव को कम करने और वित्तीय स्थिरता को बनाए रखने के लिए जो भी आवश्यक कदम होंगे उसे वह उठाएगा। हालांकि इस समय यह संकट उच्च जोखिम वाले ऋण म्यूचुअल फंड्स में ही है, जबकि शेष उद्योग में तरलता बनी हुई है।
वही, स्पेशल लिक्विडिटी फंड-एमएफ के तहत आरबीआई फिक्स रेपो रेट पर 90 दिन की अवधि का एक रेपो ऑपरेशन शुरू करेगा। एसएलएफ-एमएफ ऑन-टॉप और ओपन-एंडेड है और बैंक सोमवार से शुक्रवार तक किसी भी दिन वित्त हासिल करने के लिए अपनी बोली जमा कर सकते हैं। यह सुविधा 27 अप्रैल से शुरू हो चुकी है और 11 मई, 2020 तक चालू रहेगी। बाजार परिस्थितियों के मुताबिक केंद्रीय बैंक इसकी समय-सीमा और कोष में वृद्धि करने पर विचार करेगा।
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