कोरोना संकट के बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने गुरुवार अर्थव्यवस्था को लेकर भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन से बातचीत की। राहुल ने रघुराम राजन से कोरोना संकट, लॉकडाउन, अर्थव्यवस्था और इसके प्रभावों के ऊपर विस्तृत से चर्चा की। इस दौरान आरबीआई के पूर्व गवर्नर ने कहा कि लॉकडाउन का दूसरा या तीसरा चरण विनाशकारी होगा।
राहुल गांधी के साथ वीडियो सीरीज में कोरोना संकट और अर्थव्यस्था की स्थिति पर चर्चा के दौरान राहुल के सवाल पर कि गरीबों की मदद के लिए कितने पैसे की जरूरत होगी तो रघुराम राजन ने कहा कि कोरोना वायरस से प्रभावित जरूरतमंदों की मदद के लिए करीब 65 हजार करोड़ रुपये की आवश्यक्ता होगी। उन्होंने आगे कहा कि हम ऐसा कर भी सकते हैं क्योंकि हमारी जीडीपी दो लाख करोड़ की है।
भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर ने कहा कि कोविड -19 स्थिति में लोगों को सशक्त बनाने के लिए विकेंद्रीकरण काफी महत्वपूर्ण है। लॉकडाउन हटाने में हमें समझदारी से काम लेना होगा, नाप-तौलकर कदम उठाने होंगे क्योंकि भारत की लोगों को लंबे समय तक खाना खिलाने की क्षमता नहीं हैं।
A conversation with Dr Raghuram Rajan, former RBI Governor, on dealing with the #Covid19 crisis. https://t.co/cdJtJ7ax0T
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) April 30, 2020
इस दौरान राजन ने राहुल से कहा कि सामाजिक सौहार्द लोक हित में है और जब हम बहुत बड़ी चुनौती से लड़ रहे हैं तब अपने घरों को बंटने नहीं दे सकते हैं। उन्होंने आगे कहा कि ऐसे समय में वैश्विक मंच पर भारत एक बड़ी भूमिका निभा सकता है। उन्होंने कहा कि लोगों को शक्तिशाली नेता अच्छा लगता है। हम एक विभाजित समाज के साथ कहीं नहीं पहुंच सकते हैं। उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था को जल्द खोलना होगा और साथ ही कोरोना वायरस से निपटने के कदम भी उठाते रहने होंगे।
रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर ने भारत में कोरोना की जांच की संख्या के मुद्दे पर कहा कि अमेरिका में रोजाना औसतन 150000 जांच हो रही है। बहुत सारे विशेषज्ञ कह रहे हैं कि पांच लाख लोगों की जांच करनी चाहिए। भारत में हम रोजाना 20-25 हजार जांच कर रहे हैं। ऐसे हमें बड़े पैमाने पर जांच करनी होगी। बताया जा रहा है कि राजन के साथ यह बातचीत करीब एक घंटे की है, जिनमें अर्थव्यवस्था की हालत और कोरोना महामारी के बीच इसमें सुधार के उपायों पर चर्चा है।
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