होम
देश
दुनिया
राज्य
खेल
बिजनेस
मनोरंजन
सेहत
नॉलेज
फैशन/लाइफ स्टाइल
अध्यात्म

 

कम नहीं हुई ‘थप्पड़कांड’ की गूंज, पंजाब कांग्रेस प्रभारी पद से हो सकती है आशा कुमारी की छुट्टी

कम नहीं हुई ‘थप्पड़कांड’ की गूंज, पंजाब कांग्रेस प्रभारी पद से हो सकती है आशा कुमारी की छुट्टी

 

पंजाब: पिछले दिनों हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस विधायक आशा कुमारी का महिला कॉन्स्टेबल के साथ अभद्र व्यवहार करने का मामला एक बार फिर गरमा सकता है। जी हां संभावना है कि, आशा कुमारी को पंजाब कांग्रेस पद से हटाया जा सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि पार्टी हाईकमान का साफ कहना है कि इस तरह का रवैया अख्तियार करने वाले किसी भी नेता को पार्टी में उच्च पद पर नहीं रखा जाएगा। ऐसे में आशा कुमारी के साथ पार्टी क्या रुख अपनाएगा यह देखना होगा।

हिमाचल प्रदेश के थप्पड़कांड की गूंज अभी कम नहीं हुई है। एक तरफ पुलिस की एफआईआर की तलवार विधायक आशा कुमारी के सिर पर लटक रही है तो दूसरी तरफ आशा कुमारी की अब पंजाब कांग्रेस के प्रभारी पद से भी छुट्टी हो सकती है। संभावना है कि, इस बात के संकेत भी कांग्रेस हाई कमान जल्द देगा। पार्टी हाईकमान का साफ कहना है कि इस तरह का रवैया अख्तियार करने वाले किसी भी नेता को पार्टी में उच्च पद पर नहीं रखा जाएगा। वहीं पार्टी राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी की तरफ से भी इस बात का संकेत देने के बाद अब साफ हो गया है कि, जल्द ही आशा कुमारी से पंजाब प्रभारी का पद छीना जा सकता है। 

 

खबरों की मानें तो, लुधियाना नगर निगम चुनाव के बाद पार्टी यह फैसला ले सकती है। हाईकमान ने साफ तौर पर संकेत दिये हैं कि, वह पंजाब में आशा कुमारी के जरिए किसी भी तरह का नैगेटिव मैसेज जनता के बीच डिलीवर नहीं होने देना चाहते। गौरतलब है कि, उत्तर भारत में अकेला पंजाब ही एक राज्य है, जहां कांग्रेस की सरकार बची है। इसके अलावा पूरे उत्तर भारत से कांग्रेस का सफाया हो चुका है। एक समय था, जब कांग्रेस का उत्तर भारत में राज था। हर तरफ कांग्रेस का ही बोलबाला होता था और हर राज्य में कांग्रेस की सरकार थी। लेकिन देश में जब से नरेंद्र मोदी ने सत्ता संभाली है, तब से तो उत्तर भारत के सभी राज्य कांग्रेस के हाथ से निकल चुके हैं। अकेला पंजाब ही ऐसा राज्य है, जहां 10 साल बाद कांग्रेस की वापसी हुई है। ऐसे में पार्टी हाईकमान का पूरा फोकस पंजाब पर है।

बताते चलें कि पार्टी चाहती है कि पंजाब को बचा कर रखा जाए और 2019 तक ऐसा कोई मैसेज जनता के बीच न जाए, जिससे पंजाब में भी पार्टी की छवि खराब हो। यही कारण है कि हिमाचल प्रदेश थप्पड़कांड से बदनाम हुईं आशा कुमारी पर अब कांग्रेस हाईकमान ज्यादा विश्वास नहीं करना चाहती।

फिलहाल कांग्रेस विधायक आशा कुमारी ने तो सपने भी नहीं सोचा होगा कि, इस थप्पड़ कांड की गूंज दिल्ली तक जाएगी और इसकी तलवार उनके पंजाब कांग्रेस के प्रभारी पद पर गिरेगी। लेकिन अब पंजाब का नया प्रभारी कौन होगा, ये सवाल भी पैदा हो गया है।


संबंधित समाचार