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गुरमीत राम रहीम के पैरोल मामले में पुलिस ने जिलाधिकारी को नहीं सौपीं रिपोर्ट

गुरमीत राम रहीम के पैरोल मामले में पुलिस ने जिलाधिकारी को नहीं सौपीं रिपोर्ट

 

बलात्कार के जुर्म में सजा काट रहे बाबा गुरमीत राम रहीम को पैरोल दिए जाने को लेकर अभी तक फैसला नहीं हो पाया है। दरअसल सिरसा पुलिस ने अभी तक अपनी रिपोर्ट जिलाधिकारी को नहीं सौपीं है। आधिकारिक सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार रिपोर्ट तैयार करने में अभी वक्त लग रहा है। गौरतलब है कि सजायाफ्ता कैदियों को अच्छे आचरण के आधार पर जेल प्रशासन द्वारा पैरोल दिया जाता है। बाबा राम रहीम ने खेती करने के नाम पर परोल की मांग की थी। वहीं हरियाणा सरकार के मंत्री के एल पंवार ने कहा है कि अच्छे आचरण वाले कैदी को दो साल में पैरोल दिया जा सकता है।

बता दें कि बाबा राम रहीम बलात्कार के दो मामलों और पत्रकार की हत्या के आरोप में दोषी करार दिया गया है। इस समय राम रहीम रोहतक के सुनारिया जेल में सजा काट रहा है। राम रहीम ने जेल प्रशासन से खेती करने के लिए 42 दिन की पैरोल मांगी है। जिसको लेकर जेल प्रशासन ने जिलाधिकारी से पैरोल देने को लेकर सलाह मांगी है।

हरियाणा सरकार में मंत्री के एल पंवार ने कहा, हर दोषी दो साल की सजा पूरी करने के बाद पैरोल का हकदार होता है। अगर दोषी का व्यवहार जेल में अच्छा होता है, तो जेल अधीक्षक इसकी रिपोर्ट स्थानीय पुलिस को देता है। वेरिफिकेशन के बाद यह रिपोर्ट कमिश्नर के पास जाती है और वहीं अंतिम निर्णय लेते हैं।

वही पुलिस के अधिकारिक बयान में कहा गया है कि कैदी द्वारा मांगी गई परोल की याचिका को उसके गुण और दोष के आधार पर तैयार की जाती है। इसके लिए बाकायदा पुलिस द्वारा नियमित कैदी के आचरण की जांच की जाती है। गौरतलब है कि अगस्त 2017 में डेरा प्रमुख को दो महिलाओं के साथ बलात्कार करने के आरोप में 20 साल के कारावास की सजा सुनाई गई है।


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