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BJPस्थापना दिवस:PM ने कार्यकर्ताओं को किया संबोधित,Coronaऔर कृषि कानून समेत इन मुद्दों का किया जिक्र

BJPस्थापना दिवस:PM ने कार्यकर्ताओं को किया संबोधित,Coronaऔर कृषि कानून समेत इन मुद्दों का किया जिक्र

 

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के 41वें स्थापना दिवस के अवसर पर वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्षी दलों पर देश में राजनीतिक अस्थिरता पैदा करने के लिए उनकी सरकार के खिलाफ एक सोची-समझी रणनीति के तहत भ्रम व अफवाहें फैलाने की साजिश रचने का आरोप लगाया है।

उन्होंने कहा कि ऐसे प्रयासों से देश को लंबे समय तक नुकसान पहुंचेगा। उन्होंने कहा कि किसानों की जमीन छिन जाने, आरक्षण समाप्त करने, नागरिकता खत्म करने जैसे काल्पनिक भय दिखाकर कुछ दल और संगठन लोगों को भ्रमित करते रहते हैं। इसे एक गंभीर चुनौती बताते हुए उन्होंने भाजपा कार्यकर्ताओं से आग्रह किया कि वे जनता के बीच जाकर इन साजिशों का पर्दाफाश करने के लिए जागरूकता अभियान चलाएं।

पीएम मोदी ने कहा, "आज एक प्रकार का सिलसिला शुरू हुआ है... एक नयी प्रकार की व्यूह रचना सार्वजनिक जीवन में आई है। आज गलत विमर्श बनाए जाते हैं। कभी सीएए (नागरिकता संशोधन कानून) को लेकर, कभी कृषि कानूनों को लेकर तो कभी श्रम कानूनों को लेकर।" उन्होंने कहा कि इसके पीछे सोची-समझी राजनीति है। यह एक बहुत बड़ा षड्यंत्र है। इसका मतलब है देश में राजनीतिक अस्थिरता पैदा करना। इसलिए देश में तरह-तरह की अफवाहें फैलाई जाती है, भ्रम फैलाये जाते हैं, झूठ फैलाया जाता है। काल्पनिक मायाजाल खड़ा किया जाता।

प्रधानमंत्री ने आगे कहा, "कभी कहा जाता है कि संविधान बदल दिया जाएगा, कभी कहा जाता है कि आरक्षण समाप्त कर दिया जाएगा, कभी कहा जाता है नागरिकता छीन ली जाएगी तो कभी कहा जाता है किसानों की जमीन छीन ली जाएगी।" उन्होंने कि यह सब कोरा झूठ है और कुछ लोगों व संगठनों द्वारा इन्हें तेजी से फैलाया जाता है और भाजपा कार्यकर्ताओं को इनसे बहुत अधिक चौकन्ना रहने की जरूरत है।

उन्होंने कहा कि भाजपा कार्यकर्ताओं को बहुत जानकारी के साथ देशवासियों के बीच जाते रहना होगा और उन्हें जागरुक करते रहना होगा। वहीं, पीएम मोदी ने कहा, "यह काल्पनिक भय खड़ा करने वाले जो कुछ लोग हैं, उनमें ज्यादातर तो वो हैं जो अपनी पराजय को स्वीकार न कर पाने की वजह से ऐसा करते रहते हैं। कुछ लोग अपने राजनीतिक स्वार्थ की वजह से करते हैं। कुछ लोगों की तो भाजपा से जन्मजात दुश्मनी है इसलिए करते हैं।" उन्होंने कहा, "यह लोग ऐसे कार्य कर रहे हैं जो देश को बहुत लंबे समय तक नुकसान पहुंचाएगा। इसलिए भाजपा के हर कार्यकर्ता को सतर्क रहना है।"

इसके अलावा प्रधानमंत्री ने कहा कि भाजपा के संस्कार हैं कि वह हर व्यक्ति तक पहुंचती है और उसकी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए पूरी संवेदनशीलता के साथ काम करती है। उन्होंने कहा कि देश में छोटे किसानों की संख्या लगभग 10 करोड़ से भी अधिक है लेकिन पहले की सरकारों के लिए वे कभी प्राथमिकता में नहीं रहे।

पीएम मोदी ने कहा, "बीते वर्षों में हमारी सरकार की कृषि से जुड़ी हर योजना के केंद्र में छोटे किसान रहे। वो चाहे नए कृषि कानून हों, पीएम किसान सम्मान निधि हो या किसान उत्पाद संगठनों की व्यवस्था हो। या फिर फसल बीमा योजना और आपदा के समय ज्यादा मुआवजा सुनिश्चित करना।"

इसके साथ ही उन्होंने दावा किया कि कृषि संबंधी सरकार की हर योजना का लाभ देश के छोटे किसानों को हुआ है। बता दें कि दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर तीन नये केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ लगभग 180 दिनों से प्रदर्शन चल रहा है। वहीं, इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने केरल और पश्चिम बंगाल में राजनीतिक हत्याओं का मामला भी उठाया और कहा कि ऐसी विषम परिस्थितियों में भाजपा के कार्यकर्ता डटकर मुकाबला करते हैं।

उन्होंने कहा, "भाजपा के सैकड़ों कार्यकर्ता पार्टी के लिए अपना बलिदान दे चुके हैं। सैकड़ों कार्यकर्ताओं को मौत के घाट उतार दिया गया है। केरल और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में हमारे कार्यकर्ताओं को धमकी दी जाती है, उन पर हमले होते हैं, उनके परिवार पर हमले होते हैं। लेकिन देश के लिए जीना-मरना और एक विचारधारा को लेकर डटे रहना ही भाजपा कार्यकर्ताओं की विशेषता है।" पीएम ने कहा कि दूसरी तरफ राजनीति में वंशवाद और परिवारवाद को भी 21वीं सदी का भारत देख रहा है।

उन्होंने कहा, "स्थानीय आकांक्षाओं के सहारे जो स्थानीय पार्टियां खड़ी हुईं, बाद में वो भी एक परिवार की या एक-दो लोगों की पार्टियां बन कर रह गईं। नतीजा सामने है। ऐसी पार्टियों ने जो नकली धर्मनिरपेक्षता का नकाब पहन रखा था, वह भी उतरना शुरू हो गया। धर्मनिरपेक्षता का हमारे यहां मतलब बना दिया गया है कि कुछ ही लोगों के लिए योजनाएं। कुछ ही लोगों के लिए काम, वोट बैंक के हिसाब से नीतियां।"

इसके अलावा पीएम मोदी ने दावा किया कि जो सबके लिए योजनाएं बनाता है, जो सबके अधिकार की बात करता है और सबके लिए काम करता है उसे सांप्रदायिक कहा जाता है। उन्होंने कहा, "लेकिन सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास के मंत्र ने आज इन परिभाषाओं को बदलना शुरू कर दिया है।"

वहीं, कोरोना काल का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भाजपा की सरकारों के कामों को देश ने ना सिर्फ महसूस किया बल्कि इसी संकटकाल में देश ने नए भारत का खाका खींचा और आत्मनिर्भर भारत अभियान शुरू किया। उन्होंने कहा कि आज आत्मनिर्भर भारत अभियान गांव, गरीब, किसान, मजदूर, वंचित, शोषित, महिलाओं और युवाओं का अभियान बन गया है।

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