संयुक्त राष्ट्र महासभा के 74वें सत्र को संबोधित करने के लिए न्यूयॉर्क पहुंचे हैं। सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने न्यूयॉर्क में जलवायु परिवर्तन पर यूएनएसजी के शिखर सम्मेलन को संबोधित किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, आज जरूरत है कॉम्प्रिहेंसिव अप्रोच की, जिसमें मूल्य भी शामिल हों। आज सोच में बदलाव के लिए विश्वव्यापी आंदोलन खड़ा करने की जरूरत है। हम भारत की ऊर्जा खपत में नॉन फॉसिल फ्यूल बढ़ा रहे हैं। हम पेट्रोल-डीजल में बायोफ्यूल की मिक्सिंग बढ़ा रहे हैं। हमने करोड़ों परिवारों को क्लीन कुकिंग गैस मुहैया कराई है। हमने मिशन जल जीवन भी शुरू किया है। अंतरराष्ट्रीय मंच की बात करें तो 80 देश भारत की इंटरनेशनल सोलर अलायंस की पहल के साथ जुड़ चुके हैं।
इससे पहले मोदी ने कहा कि पिछले साल चैंपियन ऑफ अर्थ पुरुस्कार मिलने के बाद मेरा यून में ये मेरा पहला संबोधन है। प्रकृति का सम्मान और प्राकृतिक संसाधनों का सम्मान हमारी परंपरा का हिस्सा रहा है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा भारत अपनी ऊर्जा जरूरतों के लिए गैर-जीवाश्म ईंधन का प्रयोग करेगा। नवीनीकृत ऊर्जा क्षमता को दोगुना कर 2022 तक 175 गीगावॉट तक ले जाया जाएगा। प्रधानमंत्री ने भारत में स्वच्छ ऊर्जा का इस्तेमाल 400 गीगावॉट तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा।
Addressing a Summit on Climate Change at the @UN. https://t.co/PswS5nEv1Y
— Narendra Modi (@narendramodi) September 23, 2019
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा अगर हमें जलवायु परिवर्तन की चुनौती का सामना करना है, तो सभी को यह स्वीकारना चाहिए कि हमारे अब तक के प्रयास काफी नहीं हैं और बहुत कुछ किया जाना बाकी है। जलवायु सम्मेलन में इस मुद्दे को लेकर 2015 में हुए पेरिस समझौते की अनुशंसाओं का पालन करने पर भी बल दिया गया। मोदी ने कहा भारत आपदाओं से निपटने लायक बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए गठबंधन बनाने की दिशा में काम कर रहा है। हम सिंगल यूज प्लास्टिक के खिलाफ भी कदम उठा रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र की इस इमारत में हम भारत द्वारा लगाए गए सोलर पैनल का उद्घाटन करेंगे।