प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कोविन ग्लोबल कॉन्क्लेव को संबोधित करते हुए कहा कि कोरोना संक्रमण से जितने भी देशों में लोगों की मृत्यु हुई हैं। मैं उन सभी लोगों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं। कोई भी राष्ट्र कितना भी मजबूत क्यों ना हो लेकिन वह इस तरह की महामारी का सामना अकेले नहीं कर सकता है। कोरोना संक्रमण से उभरने के लिए वैक्सीनेशन एक उम्मीद है। हमने शुरू से ही वैक्सीनेशन अभियान को डिजिटल माध्यम से जोड़ा है। हम सभी को एकसाथ मिलकर आगे बढ़ना होगा।
महामारी की शुरुआत से ही, भारत इस लड़ाई में अपने सभी अनुभवों, विशेषज्ञता और संसाधनों को वैश्विक समुदाय के साथ साझा करने के लिए प्रतिबद्ध रहा है। हमारी तमाम बाधाओं के बावजूद, हमने दुनिया के साथ जितना संभव हो सका साझा करने की कोशिश की है। टेक्नोलॉजी कोविड-19 के खिलाफ हमारी लड़ाई का अभिन्न अंग है। सौभाग्य से, सॉफ्टवेयर एक ऐसा क्षेत्र है जिसमें संसाधनों की कोई कमी नहीं है। इसलिए हमने तकनीकी रूप से संभव होते ही अपने कोविड ट्रेसिंग और ट्रैकिंग ऐप को ओपन सोर्स बना दिया।
पीएम नरेंद्र मोदी ने आगे कहा कि महामारी से सफलतापूर्वक उभरने के लिए टीकाकरण मानवता के लिए सबसे अच्छी उम्मीद है। और शुरुआत से ही, हमने भारत में अपनी टीकाकरण रणनीति की योजना बनाते समय पूरी तरह से डिजिटल अप्रोच अपनाने का फैसला किया। भारतीय सभ्यता पूरे विश्व को एक परिवार मानती है। इस महामारी ने कई लोगों को इस दर्शन के मौलिक सत्य का एहसास कराया है। इसलिए, कोविड टीकाकरण के लिए हमारे टेक्नोलॉजी मंच - जिसे हम कोविन कहते हैं - को खुला स्रोत बनाने के लिए तैयार किया जा रहा है।
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